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MADHYA PRADESH: चार घंटे और 44 पन्ने पर निबंध, चर्चा में है पुलिस का दंड देने का अनोखा तरीका, जाने क्या है पूरा मामला

MADHYA PRADESH: चार घंटे और 44 पन्ने पर निबंध, चर्चा में है पुलिस का दंड देने का अनोखा तरीका, जाने क्या है पूरा मामला

सीधी: कोरोना के लगातार हो रहे प्रसार से बचने के लिए देश के करीब-करीब हर राज्य की सरकारों ने लॉकडाउन लगाया हुआ है। सरकार लोगों से अपने अपने घरों में रहने की अपील भी कर रही है लेकिन लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे हैं। लोगों द्वारा लॉकडाउन नियम तोडने को लेकर प्रशासन कई तरह की पहल करते हुए दंडित भी कर रहा है लेकिन एक ऐसा भी पुलिस वाला है, जो एकदम अलग अंदाज में लोगों को दंडित कर रहा है। लोगों को दंड देने का यह कार्य इतना अनोखा है कि वायरल हो रहा है और रातों रात यह चर्चा में आ गया है। जाने पूरी रिपोर्ट

दरअसल पूरा मामला यूपी से सटे मध्यप्रदेश के सीधी से है, जहां के टीआई भगवत प्रसाद पांडे लॉकडाउन तोड़ने वाले शिक्षित लोगों को अनोखे तरीके से सजा दे रहे हैं। खबर के अनुसार एसपी पंकज कुमावत ने इस अनोखी सजा की पहल की है। जिले में लोगों को जरूरी चीजों के लिए तय समय सुबह छह बजे से 11 बजे तक की छूट दी गयी है। लेकिन अगर इसके बाद कोई बिना वजह के घर से निकल रहा है तो ऐसे लोगों को इस तरह की सजा दी जा रही है कि वह परेशान हो जा रहे हैं। 

सजा के तहत पुलिस ऐसे लोगों को चार घंटे में 44 पन्ने की कॉपी को भरने की सजा दे रही है। हर पन्ने की हर एक लाइन में घर में रहें, सुरक्षित रहें, लिखना होता है। पुलिस का कहना है कि इस सजा में कोई शारीरिक तकलीफ तो नहीं है लेकिन इससे मानसिक परेशानी बहुत होती है।  पुलिस बेवजह घूम रहे लोगों को तत्काल उसी जगह पर बैठा देती है और लोगों को पुलिस की तरफ से ही पेन व कॉपी भी दिया जाता है। चार घंटे में जब लोग कॉपी को भर देते हैं फिर उनको बीच रोड पर खड़ा करके ''हम बेवजह अब अपने और परिवार की जान की खातिर घर से नहीं निकलेंगे'' जैसी शपथ दिलवाई जाती है। 

पुलिस का कहना है कि लाखों रुपये जुर्माना वसूला जा चुका है, हजारों लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है लेकिन लोग बिना वजह घर से बाहर निकलने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसलिए लोगों को दंडित करने का अनोखा तरीका निकाला गया है। जब चार घंटे में 44 पेज भरनी होती है तो लोगों को लगता है कि घर से निकल कर उन्होंने गलती की है। 

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