पटनाः माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सलाह दिया है कि शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों के कार्यों के निष्पादन की समय सीमा तय होनी चाहिए।साथ हीं धिकारी शिक्षक दरबार लगायें ताकि शिक्षकों की समस्या के समाधान में तेजी आ सके।संघ ने पत्र लिख कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को सलाह दी है कि राज्य के लोक सेवा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों के विभिन्न अवकाशों की स्वीकृति, सेवांत लाभ, वेतन निर्धारण, योग्यता वर्धन की स्वीकृति आदि सहित विभिन्न कार्यों के निष्पादन की अवधि निर्धारण करते हुए सार्वजनिक की जाए । साथ ही साथ शिक्षक दरबार भी लगाने की सलाह दी है।
इस संबंध में पटना प्रमंडल माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव चंद्रकिशोर कुमार व पटना जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव सुधीर कुमार ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, पटना को पत्र लिख कर कहा है कि विभिन्न कार्यों के निष्पादन की अवधि निर्धारण होने से न सिर्फ आपके कार्यालय में पारदर्शिता आयेगी बल्कि शिक्षकों में अनिश्चिता व अधिरता दूर होगी।
उन्होंने उस आदेश जिसमें उनके कार्यालय में शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों का जमावड़ा लगा रहता है पर चिंतन करने, इसके कारणों को ढूंढ़ने तथा निराकरण की भी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कार्यालय के दरवाजे पर शिक्षकों से हस्ताक्षर बनवाना और अवकाश स्वीकृत करा कर आपके कार्यालय आना समस्या का कतई निदान नहीं है।
संघ ने सुझाव दिया है कि अन्य विभागों व कार्यालय की तरह सप्ताह में एक दिन शिक्षक दरबार लगाई जाए, जिससे शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का आपसे सीधा संवाद हो सके तथा वे अपनी व्यथा व समस्याओं से आपको अवगत करा सकें। इस कार्य के लिए शनिवार को अपराह्न का समय श्रेयस्कर होगा जिससे विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य भी सुचारू व निर्वाद रूप से चलेगा, शिक्षकों को भी अनावश्यक अवकाश लेकर तथा अपना पैसा खर्च कर आपके कार्यालय में चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।