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मगध विश्वविद्यालय की स्थापना के पूरे हुए 60 साल, कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

मगध विश्वविद्यालय की स्थापना के पूरे हुए 60 साल, कई कार्यक्रमों का हुआ आयोजन

GAYA : मगध विश्वविद्यालय बोधगया ने आज अपना 60वां स्थापना दिवस मनाया। स्थापना दिवस के मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रोफ़ेसर गिरीश्वर मिश्र तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में नव नालंदा महाविहार नालंदा के कुलपति प्रोफ़ेसर वैद्यनाथ लाभ शामिल हुए। मुख्य अतिथि के आगमन पर सम्मान में एनसीसी के छात्रों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। विश्वविद्यालय के डीन प्रोफेसर आर पी एस चौहान, कुलानुशासक जयनंदन प्रसाद सिंह, सीसीडीसी प्रोफेसर सिद्धनाथ प्रसाद यादव, नोडल अफसर संजय कुमार सहित कई महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य ने उनका स्वागत पुष्प सज्जित द्वार पर किया। प्रोफेसर गिरीश्वर मिश्रा ने विश्वविद्यालय के कुलध्वज को भी फहराया। 

विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित गोष्ठी जिसका शीर्षक था 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन में विश्वविद्यालयों की भूमिका', में प्रोफेसर मिश्रा ने शिक्षा के महत्व को विस्तार से बताते हुए कहा कि बदलते परिवेश में हमें अपने आप को बदलना है. नई शिक्षा नीति इसमें एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। उन्होंने ऑनलाइन एजुकेशन पर भी विशेष ध्यान देते हुए कहा कि जिस रफ्तार से पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है उस अनुपात में शिक्षकों एवं विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों की संख्या में वृद्धि नहीं हो रही है. उसका समाधान ऑनलाइन एजुकेशन कारगर हो सकता है। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफ़ेसर बैजनाथ लाभ ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. शिक्षक हीं इसके केंद्र हैं तथा विद्यार्थी एवं शोधार्थी उसके परिधि में अवस्थित है। 

मंच की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने नई शिक्षा नीति को वर्तमान परिपेक्ष में इसकी समावेशी एवं एकीकृत भूमिका को विस्तार से समझाते हुए कहा कि यह आज के समय के लिए उचित शिक्षा नीति है. जिसका प्रभाव आने वाले समय में काफी लाभकारी सिद्ध होगा। इसे सामाजिक, शैक्षणिक एवं राष्ट्रीय परिदृश्य में एक परिवर्तन स्रोत के रूप में देखे जाने की जरूरत है। अपने सारगर्भित ओजस्वी भाषण में उन्होंने कहा की शिक्षा ही एकमात्र साधन है जो मनुष्य को तम से ज्योति की ओर ले जाता है। 

विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर विभूति नारायण सिंह ने इन अतिथियों को नमन करते हुए कहा कि मगध विश्वविद्यालय के कर्मठ एवं संघर्षशील कुलपति प्रोफ़ेसर डॉ राजेंद्र प्रसाद के आने से विश्वविद्यालय चौतरफा विकास हो रहा है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने दो भूतपूर्व सेवानिवृत्त प्रोफेसरों को साल एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित करने की नई परंपरा की शुरुआत की। लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनके इस सराहनीय प्रयास की तारीफ की। मंच संचालन करते हुए पत्रकारिता विभाग के प्रभारी शैलेंद्र कुमार त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय में होने वाले चौमुखी विकास के लिए कुलपति महोदय को नमन किया। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ विजय कुमार ने अपने धन्यवाद प्रस्ताव में लोगों को बड़ी संख्या में आने एवं आयोजन को सफल बनाने के लिए आभार प्रकट किया।

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट 

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