PATNA : मगध विश्वविद्यालय के वीसी डा. राजेन्द्र प्रसाद ने एक बार फिर यह बता दिया है कि उनके लिए कानून कोई महत्व नहीं रखता है। कितना भी नोटिस भेज लो, वह उसे नहीं मानते हैं। मामला विश्वविद्यालय में हुए भ्रष्टाचार और अवैध संपत्ति से जुड़ा है, जिसको लेकर दो माह पहले उनके घर और दूसरे ठिकानों से करोड़ों रुपए नगद बरामद किए गए थे। लेकिन इसके बाद से वह लगातार पूछताछ से बचने की कोशिश में लगे हुए हैं।
नहीं पहुंचे पूछताछ के लिए
भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे मगध विश्वविद्लाय के कुलपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद से पूछताछ के लिए स्पेशल विजिलेंस यूनिट(एसवीयू) ने बुलाया था। यूनिट की टीम पूरी तैयारी के साथ सोमवार को दिन भर उनका इंतजार करती रही, लेकिन वीसी नहीं आए। एसवीयू ने डॉ.राजेन्द्र प्रसाद को पूछताछ के लिए 3 जनवरी को सुबह 11 बजे पटना स्थित दफ्तर बुलाया था और इसके लिए मगध विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति को पिछले महीने पत्र लिख कर राजेन्द्र प्रसाद को सूचना देने का भी अनुरोध किया था। लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया।
गौरतलब है कि एसवीयू ने डॉ.राजेन्द्र प्रसाद से पूछताछ के लिए मगध विश्वविद्लाय के प्रभारी कुलपति को पत्र लिख कर कहा था कि डॉ.राजेन्द्र प्रसाद से पूछताछ जरूरी है इसके लिए उन्हें उपस्थित होना है। डॉ.राजेन्द्र प्रसाद गया में नहीं हैं और उनके ठिकानों के बारे में एसवीयू को जानकारी नहीं है। लिहाजा अनुसंधान में सहयोग के लिए वे डॉ.राजेन्द्र प्रसाद को इसकी तत्काल सूचना दे दें।
कहां हैं वीसी, एसवीयू को पता नहीं
पूछताछ के लिए एसवीयू ने 22 दिसबंर को चिट्ठी लिखी थी और 23 दिसंबर को कुलपति के मेडिकल लीव की अवधि समाप्त हो रही थी। लेकिन, एसवीयू के इस पत्र के अगले ही दिन वीसी की मेडिकल लीव और एक महीने के लिए बढ़ा दी गई थी। एसवीयू के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार वीसी कहां हैं इसकी कोई भी सूचना एसवीयू के पास नहीं है।
एसवीयू को इस बारे में कोई सूचना भी नहीं दी गई है। लिहाजा सोमवार को जांचकर्ता डीएसपी वीसी का इंतजार करते रहे। सूत्रों के अनुसार एसवीयू अब वीसी को नए सिरे से नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है ताकि वे जांच में सहयोग के लिए उपस्थित हो सकें।
विवि के रजिस्ट्रार और प्रॉक्टर सहित चार को गिरफ्तार कर भेजा जा चुका है जेल
बता दें कि मगध विवि के तत्कालीन कुलपति डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के भ्रष्टाचार के मामले की तफ्तीश कर रही एसवीयू विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार पुष्पेन्द्र कुमार वर्मा, प्रॉक्टर प्रोफेसर डॉ.जयनंदन प्रसाद सिंह, लाइब्रेरी इंजार्ज व हिन्दी डिपार्टेमेंट के हेड प्रोफेसर विनोद कुमार और वीसी डॉ.राजेन्द्र प्रसाद के पीए व असिस्टेंट सुबोध कुमार को जेल भेज चुकी है। अब इसमें एक बड़ा नाम विवि के वीसी का ही बचा हुआ है। जैसे हालात हैं, उसके बाद उनकी गिरफ्तारी की संभावना अधिक बनती हुई नजर आ रही है।