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बीपीएससी पास छात्र-छात्राओं ने भुगता मगध विवि की लालफीताशाही का खामियाजा, नौकरी से हुए वंचित, जानिए कैसे

बीपीएससी पास छात्र-छात्राओं ने भुगता मगध विवि की लालफीताशाही का खामियाजा, नौकरी से हुए वंचित, जानिए कैसे

GAYA : पिछले दिनों बीपीएससी 64 वीं का अंतिम रिजल्ट प्रकाशित कर दिया गया. लेकिन आखिरी परिणाम आने के बाद भी  बीपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण मेधावी छात्रा निकिता सिन्हा को केवल मात्र मगध विश्वविद्यालय के कालगुजारी के कारण नौकरी से वंचित कर दिया गया है. निकिता सिन्हा द्वारा विश्वविद्यालय को आवेदन देने के 9 महीने बाद भी गलत डिग्री जारी की गई. जिसकी वजह से आज निकिता का भविष्य पूरी तरह से अंधकार में हो चुका है. विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारियों के द्वारा यह भी कहा गया की "तुम्हें छांटने का आयोग को मौका मिला तो छांट दिया अब केस लड़ो" ऐसा कहते हुए विश्वविधालय अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की. 

साथ ही साथ निकिता के जैसे 27 और भी छात्र-छात्राएं भी हैं. जिनका बीपीएससी में चयन तो हो गया. परंतु मूल प्रमाण पत्र में तमाम त्रुटियां हैं. जिन्हें अभी तक दुरुस्त नहीं किया गया है,जो यह दर्शाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को अपने मेघावी छात्रों के भविष्य की कोई भी चिंता नहीं है. यह सभी मामला विश्वविद्यालय के प्रबंधन व अपने छात्रों के उज्जवल भविष्य के प्रति उदासीनता को दर्शाता है. 

वहीं दूसरी ओर विश्वविद्यालय शिक्षा माफियाओं के द्वारा बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम को ताक पर रखते हुए पीएचडी जैसी उच्च शिक्षा को भी धता बताते हुए श्री ईश चरण सुपुत्र रणविजय कुमार चरण जो वाणिज्य संकाय के शोघ-छात्र हैं एवं इनका शोध विषय : "डायनामिक ऑफ कंजूमर प्रोटेक्शन एंड पॉलिसी इंप्लीकेशन केस स्टडी इन पर्सपेक्टिव ऑफ कोबरा 1986"  में पर्यवेक्षक डॉक्टर सत्येंद्र प्रजापति प्रधानाध्यापक एस बी ए एन कॉलेज बरहेटा , लारी, अरवल के अंतर्गत मौखिक परीक्षा में विफल होने के बाद भी पीएचडी जैसी उच्च शिक्षा की डिग्री जारी कर दी गई.यह विश्वविद्यालय में हो रही धांधली को दर्शाता है. रोटेरियन अंशुमान नागेन (अधिवक्ता) के द्वारा दायर सूचना के अधिकार प्रपत्र (क) का जवाब ना देना विश्वविद्यालय के अनियमित कार्यप्रणाली को दर्शाता है. ऐसा प्रतीत होता है कि पूर्व का गौरवमयी विश्वविद्यालय अब कुछ चंद शिक्षा माफियाओं एवं चाटुकारो के गोद में खेल रहा है.

उपरोक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए अभिषेक वर्मा,राष्ट्रीय युवा महामंत्री, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, रोटेरियन अंशुमन नागेन (अधिवक्ता) रौनक सिंह सेठ, संस्थापक - खालसा हेल्पर्स ट्रस्ट, जितेंद्र सिंह (अधिवक्ता) की आपस में एकमत राय बनी कि निकिता सिन्हा एवं अन्य सभी छात्रों का हर संभव सहयोग किया जाएगा एवं उचित कार्यवाही हेतु राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा. 

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट


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