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महागठबंधन में महाभारत ! CM नीतीश की समाधान यात्रा से प्रभारी मंत्री ने बनाई दूरी...अरवल में नहीं दिखे तेजप्रताप यादव

महागठबंधन में महाभारत ! CM नीतीश की समाधान यात्रा से प्रभारी मंत्री ने बनाई दूरी...अरवल में नहीं दिखे तेजप्रताप यादव

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज फिर से समाधान यात्रा पर निकले हैं. आज उन्होंने अरवल जिले का भ्रमण किया और विकास योजनाओं का जायजा लिया. मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा में जेडीयू-राजद के बीच जारी विवाद का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है। सीएम नीतीश अपने दो खास मंत्रियों को लेकर घूम रहे हैं, जबकि जिले प्रभारी मंत्री समाधान यात्रा से अनुपस्थित रहे. अरवल के प्रभारी मंत्री राजद कोटे से हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिना प्रभारी मंत्री के ही अरवल का भ्रमण किया. 

अरवल में नहीं दिखे प्रभारी मंत्री तेजप्रताप 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अरवल के प्रसादी इंग्लिस गांव में जाकर सरकारी योजनाओं की हकीकत को जाना. वार्ड में जाने के बाद मुख्यमंत्री ने लोगों से संवाद किया और समस्याओं को जाना। लेकिन यात्रा की सबसे बड़ी बात यह रही कि जिले के प्रभारी मंत्री तेजप्रताप यादव गैरहाजिर रहे. मुख्य़मंत्री की यात्रा के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री को हर हाल में मौजूद रहना होता है. लेकिन अरवल में प्रभारी मंत्री के तौर पर तेजप्रताप यादव अनुपस्थित रहे. मुख्यमंत्री के साथ उनके खास दो मंत्री विजय चौधरी और संजय झा अगल-बगल में दिखे. समाधान यात्रा से प्रभारी मंत्री तेजप्रताप यादव की गैरमौजूदगी पर कयासों का बाजार गर्म है। माना जा रहा कि राजद-जेडीयू के बीच छिड़ी जंग का यह साइड इफेक्ट है. वैसे सोमवार को भी सीएम नीतीश की मीटिंग में राजद कोटे के मंत्री नहीं दिखे थे. 

नीतीश कुमार सोमवार को धान अधिप्राप्ति को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस बैठक में मुख्यतः तीन विभाग सहकारिता, खाद्ध उपभोक्ता व कृषि विभाग जुड़ा था. लिहाजा विभाग के सचिव तो मौजूद रहे लेकिन मीटिंग में मंत्री उपस्थित नहीं रहे. सरकारी बैठक में मंत्रियों के मौजूद नहीं रहने पर सवाल उठने लगे हैं. सहकारिता और कृषि विभाग में राजद कोटे से मंत्री हैं,जबकि खाद्ध आपूर्ति विभाग जेडीयू के पास है. सीएम नीतीश की मीटिंग में न तो सहकारिता मंत्री सुरेन्द्र यादव दिखे और न ही कृषि विभाग के मंत्री कुमार सर्वजीत. वैसे जेडीयू कोटे की खाद्ध आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह भी मीटिंग में मौजूद नहीं थी.

बता दें, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखऱ ने रामचरितमानस को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाला है. शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद देशभर में बवाल मच गया है. राजद की सहयोगी जेडीयू ने भी इस पर गहरी नाराजगी जताई और चंद्रशेखऱ के खिलाफ एक्शन लेने को कहा. लेकिन तेजस्वी यादव आज दूसरी दफे शिक्षा मंत्री के पक्ष में खड़े दिखे. अब साफ हो गया है कि राजद नेतृत्व न तो सुधाकर सिंह पर कोई कार्रवाई करेगा और न ही चंद्रशेखऱ पर. अब देखना होगा कि तेजस्वी के इंकार के बाद जेडीयू नेतृत्व का अगला कदम क्या होता है.


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