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महागठबंधन का अरोप, चुनाव आयोग के पत्र लिखने के बाद भी जिला प्रशासन नेता प्रतिपक्ष को नहीं दे रहा सुरक्षा, आखिर कौन कर रहा है मना...

महागठबंधन का अरोप, चुनाव आयोग के पत्र लिखने के बाद भी जिला प्रशासन नेता प्रतिपक्ष को नहीं दे रहा सुरक्षा, आखिर कौन कर रहा है मना...

पटना... दूसरे चरण के मतदान से पूर्व सभी राजनीतिक दल के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान तेज कर दिया है। इस दौरान नेताओं के सुरक्षा में सेंध लगने को लेकर कई गंभीर मामले भी सामने आने लगा है। राजद और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एक साझ प्रेस वार्ता में बताया कि हमने लगातार चुनाव आयोग को सुरक्षा के मद्देनजर पत्र लिखा है, जिस पर हमें चुनाव आयोग की ओर से कहा गया था कि संबंधित जिले को सुरक्षा देने के लिए कहा गया है, लेकिन आखिर कौन सी ताकत है जो चुनाव आयोग के कहने के बाद भी नेता प्रतिपक्ष की सभाओं में सुरक्षा नहीं दी जा रही है।  

मनोज झा ने बताया कि हमने पहला पत्र 21 अक्टूबर को ही चुनाव आयोग से लिखा था और कहा था कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की सुरक्षा बढ़ाई जाए, मुझे यही कहा कि तेजस्वी यादव की सुरक्षा बढ़ाई जा रही है, लेकिन सुरक्षा नहीं दी गई। आखिर कौन रोक रहा है सुरक्षा मुहैया कराने से। अगर कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। 


मनोज झा ने कहा कि चुनाव आयोग ने संबंधित जिला को सुरक्षा के लिए पत्र लिखा है कि किसी भी हैलिपैड पर सुरक्षा नहीं रहता है। इसके बावजूद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सभा में सुरक्षा मुहैया नहीं कराया जा रहा है। यहां तक कि पायलट ने भी शिकायत की है, इसके बावजूद सुरक्षा नहीं दी जा रही है। 

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने मुंगेर घटना को लेकर कहा कि दशहरा में जो घटना हुआ है उसके लिए कौन आवाज उठाएगा। हम विपक्ष में हैं और इसके लिए आवाज उठाना हमारा ही काम है। सरकार की नीयत में ही खोट है। यह एक गंभीर मामला है। तेजस्वी की घटना अगर मुंगेर की घटना से जोड़ जाए तो कोई बड़ी बात नहीं है। 

वहीं पवन खेड़ ने कहा कि मोदी जी हो या नीतीश जी दोनों निजी हमले कर रहे हैं, लेकिन हमारी ओर से किसी भी पारिवारिक व्यक्ति पर हमले नहीं किए जा रहे हैं। हम 10 लाख नौकरी देने की बात करते हैं, लेकिन सत्ता पक्ष में बैठे लोग इस पर बात नहीं करतें। आगे की बात करने की बजाए ये पीछे की बात करते हैं। 


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