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बिहार के मझौलिया चीनी मिल पर 33 लाख का जुर्माना, जानिए वजह.........

बिहार के मझौलिया चीनी मिल पर 33 लाख का जुर्माना, जानिए वजह.........

PATNA: बिहार के मझौलिया चीनी मिल पर 33 लाख का जुर्माना लगाया है।बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने  ने उक्त चीनी मिल पर पर्यावरण नियम फॉलो नहीं करने पर 15 दिनों के भीतर 33 लाख रू जमा करने का आदेश दिया है।

इसके साथ हीं प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने भविष्य में जिरो लिक्विड डिस्चार्ज सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।अपने निदेश में पर्षद ने कहा है कि चीनी मिल ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया था।इसलिए क्षतिपूर्ति के रूप में 33 लाख रू का हर्जाना लगाया गया है।

इसके पहले प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने चीनी मिल प्रबंधन को पर्यावरण को क्षति पहुंचाने को लेकर कई नोटिस जारी किया, बावजूद इसके प्रबंधन अनदेखी करते रहा। इसके बाद 22 नवंबर 2019 को पर्षद ने मझौलिया चीनी मिल को बंद करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ में चीनी मिल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में अपील किया है। ट्रिब्यूनल ने प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को पॉल्यूशन-पे सिद्धांत के तहत क्षतिपूर्ति राशि वसूलने का आदेश दिया. जिसके बाद 33 लाख का जुर्माना लगाया गया है।

सासामुसा चीनी मिल को भी बंद करने का आदेश

इसके पहले गोपालगंज जिला स्थित सासामुसा सुगर मिल को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया है। पर्षद द्वारा 12 दिसंबर 2019 को जारी किये गये निर्देश में कहा गया था कि चीनी मिल इकाई द्वारा प्रदूषण फैलाया जा रहा है। पर्षद ने कहा कि बीते 2 दिसंबर को इस इकाई का निरीक्षण किया गया जिसमें कई कमियां पाई गई। 

मिल के बॉयलर से सलंग्न वाटर स्क्रबर से निकल रही स्लरी के उपचार हेतु स्थापित क्लॉरिफायर एवं सैंड  फिल्टर बेड की स्थिति ठीक नहीं है। जिसकी वजह से इलाके में प्रदूषण बढ़ रहा है। उपचारित बहि:स्राव संयत्र के क्लारिफायर एवं स्लज फिल्टरेशन बेड के बीच कोई सामंजस्य नहीं है। 

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