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देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त यूट्यूब चैनलों के खिलाफ हुई बड़ी कार्रवाई... ब्लॉक किए गए 6 यूट्यूब चैनल

देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त यूट्यूब चैनलों के खिलाफ हुई बड़ी कार्रवाई... ब्लॉक किए गए 6 यूट्यूब चैनल

DESK. देश के 6 यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया गया है। सरकार ने यह निर्णय देश विरोधी गतिविधियों को कथित रूप से बढ़ावा देने के कारण इन चैनलों के खिलाफ किया है। दरअसल, केंद्र सरकार ने पंजाबी भाषा के 6 यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया है क्योंकि इससे बॉर्डर वाले राज्य में परेशानी बढ़ रही थी। यह यूट्यूब चैनल दूसरे देशों के ऑपरेट किए जा रहे थे और देश विरोधी कंटेंट प्रचारित करते थे। अधिकारियों ने एजेंसी को बताया कि ये यूट्यूब चैनल खालिस्तान समर्थक कंटेंट को प्रसारित करते थे। अधिकारियों ने दावा कि पिछले 10 दिनों में 6 से 8 विदेश से ऑपरेटेड यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि पंजाबी भाषा के ये यूट्यूब चैनल बॉर्डर वाले राज्य में माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे थे। सरकार ने खालिस्तान समर्थक समूहों पर कार्रवाई की कड़ी में यह कदम उठाया है। क्योंकि कुछ दिन पहले ही खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह ने अजनाला पुलिस स्टेशन पर तलवारों और बंदूलों से हमला किया और अपने एक साथी को छुड़ाकर ले गए। अमृतपाल सिंह मृत एक्टर व एक्टिविस्ट दीप सिद्धू द्वारा स्थापित वारिस पंजाब दे का लीडर बनाया गया है। दीप सिद्धू की पिछले साल उस वक्त मौत हो गई जब वह आतंकी जरनैल सिंह भिंडरावाले के होमटाउन में एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था।

मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यूट्यूब से इन चैनलों को 48 घंटे में ब्लॉक करने के लिए सरकार ने कहा है। साथ ही यह भी कहा गया है कि यूट्यूब इस तरह के कंटेंट को ऑटोमैटिकली ब्लॉक करे। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग किया और ऐसे कंटेंट की पहचान तुरंत ही की जाए जिससे माहौल बिगड़ने का खतरा रहता है। यूट्यूब के सामने यह समस्या है कि इस तरह के कंटेंट रीजनल लैंग्वेज में अपलोड किए जाते हैं जबकि यूट्यूब सिर्फ अंग्रेजी भाषा के कंटेंट की ही पहचान कर पाता है।

इससे पहले जनवरी में भी सरकार ने भारत विरोधी कंटेंट प्रसारित करने के लिए 6 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक किया था। इन 6 यूट्यूब चैनल के करीब 20 लाख सब्सक्राइबर थे और यह लगातार भारत के खिलाफ जहर उगलने का काम कर रहे थे। मंत्रालय के अनुसार उनके वीडियो को करीब 51 करोड़ बार देखा गया था जिसमें पीएम मोदी के खिलाफ फेक न्यूज, चुनाव और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ गलत धारणाएं बनाई जा रही थीं।


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