बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

नीतीश की विपक्षी एकता को अब ममता देंगी झटका ! जदयू छोड़कर शेष विपक्षी दलों से मुलाकात की बनाई योजना

नीतीश की विपक्षी एकता को अब ममता देंगी झटका ! जदयू छोड़कर शेष विपक्षी दलों से मुलाकात की बनाई योजना

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लंबे अरसे से विपक्षी एकता की पहल को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन, नीतीश की पहल से अलग विपक्ष में ही कई नेता हैं जो अपने स्तर से विपक्षी एकता को आगे बढ़ाने में लगे हैं। अब इसमें एक नया नाम ममता बनर्जी का भी जुट गया है। हैरानी की बात यह है कि ममता बनर्जी दिल्ली में विपक्ष के कई नेताओं से मुलाकात करने वाली हैं लेकिन इसमें जदयू के नेताओं से दूरी बनाए रखने की बात कही जा रही है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस और जदयू दोनों के नेताओं से ममता की मुलाकात नहीं होगी।

2024 चुनाव के मद्देनजर अब तमाम बड़ी पार्टियां अपने अपने एजेंडे को साफ करते हुए दिखाई दे रही हैं। इन सबके बीच तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर आ सकती हैं। जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी मार्च के आखिर में या अप्रैल के शुरुआत में दिल्ली दौरे पर आ सकती हैं। खबर तो यह भी है कि वह विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकती हैं। हालांकि, कांग्रेस के नेताओं से उनकी मुलाकात होगी या नहीं, इसको लेकर संशय की स्थिति बरकरार है। इसी तरह जदयू के नेताओं से मुलाकात के बारे में भी फ़िलहाल कुछ भी स्पष्ट नही किया गया है। हाल में ही ममता बनर्जी की पार्टी के बड़े नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने साफ तौर पर कहा कि वह कांग्रेस के किसी नेता से के साथ बैठक नहीं करेंगे। इसका मतलब साफ है कि कहीं ना कहीं ममता बनर्जी और उनकी पार्टी कांग्रेस से दूरी बना कर रखना चाहती है। 

दरअसल, ममता बनर्जी के विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग को लेकर उनसे मिलने के लिए राष्ट्रीय राजधानी का दौरा करने की संभावना है। ममता बनर्जी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच एक जबरदस्त वार-पलटवार का दौर चल रहा है। सत्ता पक्ष ब्रिटेन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर लगातार उनसे माफी की मांग कर रहा है तो वहीं विपक्षी दल हटाने के खिलाफ मामले को लेकर संयुक्त संसदीय समिति की मांग पर अड़ा हुआ है। यही कारण है कि दोनों दल अलग-अलग प्रदर्शन भी कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के एक शीर्ष नेता ने बताया कि पार्टी प्रमुख के दिल्ली के दौरे पर जाने की संभावना है, हालांकि, इसके लिए कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस नेताओं के साथ टीएमसी प्रमुख की बैठक की संभावना नहीं है। ममता बनर्जी अपने दिल्ली दौरे के दौरान उन नेताओं से मुलाकात करेंगी जिन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था। नेताओं में बीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव, जेकेएनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, एआईटीसी प्रमुख ममता बनर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, उद्धव ठाकरे, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राजद नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव शामिल हैं। पत्र में कांग्रेस, जेडीएस, जेडी (यू) और सीपीआई (एम) से कोई प्रतिनिधित्व नहीं था। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि ममता न तो कांग्रेस और ना ही जदयू के नेताओं से मुलाकात करेगी।

इसके पहले इसी तरह तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी विपक्षी दलों के साथ एकजुटता की कवायद की थी। उस समय भी जदयू के किसी प्रतिनिधि की इसमें उपस्थिति नहीं रही थी। कहा गया था कि जदयू को ना तो केसीआर और ना ही स्टालिन की ओर से बुलाया गया। अब इसी तरह ममता बनर्जी भी अगर जदयू के नेताओं से नहीं मिलती है तो इसे नीतीश की पहल को बड़े झटके के रूप में देखा जा सकता है।


Suggested News