PATNA : पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की है। बीजेपी की तमाम कोशिश के बाद भी ममता बंगाल के रण में परास्त नहीं हो सकी। हालांकि इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सीट में काफी वृद्धि हुई है। बंगाल चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिलने से तमाम विपक्षी दल के नेता काफी खुश हैं। खुश तो बीजेपी के सहयोगी दल के नेता भी हैं। बंगाल चुनाव में 30 सीटों पर कैंडिडेट उतारे सहयोगी जेडीयू को वैसे तो उनमें अधिकांश सीटों पर जमानत जब्त हो गई। फिर भी पार्टी के नेता खूब खुश हैं। खुशी इस बात को लेकर है कि बंगाल के रण में ममता बनर्जी की बड़ी जीत हुई है। जदयू के वरिष्ठ नेता और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है की ममता बनर्जी भारी चक्रव्यूह को तोड़कर जीत दर्ज की हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट कर लिखा है कि भारी चक्रव्यूह को तोड़कर पश्चिम बंगाल में फिर से शानदार जीत के लिए ममता बनर्जी को बहुत-बहुत बधाई।
ममता बनर्जी की जीत पर जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा यूं ही नहीं चक्रव्यूह तोड़कर जीत दर्ज करने की बात कही है। दरअसल बिहार में सहयोगी जेडीयू 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के चक्रव्यूह में फंसकर छोटे भाई की भूमिका में आ गई है। बीजेपी ने अंदर ही अंदर लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को हवा देकर अलग चुनाव लड़ने को तैयार करा लिया। BJP के कई नेता लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने लगे।
चिराग ने अधिकांश जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ अपना उम्मीदवार देकर वोट कटवा लिया। जिससे नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। जेडीयू महज 43 सीटों पर सिमट गई और भाजपा 74 की संख्या पर पहुंच गई। तभी से खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह समेत अन्य नेताओं का दर्द गाहे-बगाहे छलक जाता है। जेडीयू के नेता यह कहने से बाज नहीं आते कि उनकी हार नहीं हुई बल्कि हराने की गहरी साजिश रची गई।
पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट