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मनबढू थानेदार की अनगिनत करतूत ! मासूम के सामने पिता पर बरसाई गई थी लाठियां...हाजत से शराब माफिया को छोड़ने का खुलासा और अब नेता की पिटाई का गंभीर आरोप

मनबढू थानेदार की अनगिनत करतूत ! मासूम के सामने पिता पर बरसाई गई थी लाठियां...हाजत से शराब माफिया को छोड़ने का खुलासा और अब नेता की पिटाई का गंभीर आरोप

MOTIHARI: मोतिहारी में एक मनबढू थानेदार की करतूत फिर से चर्चा में है। इस बार इस बंजरिया के थानेदार पर दूसरे थाने में जाकर हाजत से निकालकर एक नेता की पिटाई का आरोप है। खुलासे के बाद एसपी ने जांच के आदेश दिये हैं. वैसे इस थानेदार पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. थाना हाजत से एक शराब माफिया को छोड़ दिया गया था. मामले के खुलासे के बाद जांच हुई। जांच में आरोप प्रमाणित हुआ. बचने के लिए आनन-फानन में इस आरोपी थानेदार ने छोड़े गए शराब माफिया को पकड़कर जेल भेजा था. इसके अलावे ओपी प्रभारी रहने के दौरान संदीप कुमार ने छोटे बच्चे के सामने उसके पिता की सार्वजनिक लाठी बरसाई थी. वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने संज्ञान लिया था. तब जाकर तत्कालीन एसपी ने इस मनबढू थानेदार को सस्पेंड किया था.

मनबढू थानेदार से जिलेवासी परेशान 

वर्तमान में बंजरिया थाना के थानेदार पर फिर से गंभीर आरोप लगे हैं। वैसे संदीप कुमार पूर्व से भी अक्सर चर्चा में रहे हैं। संदीप कुमार पर हमेशा गंभीर आरोप लगता रहा है। कोरोना काल में रघुनाथपुर ओपी प्रभारी रहते हुए एक छोटा बच्चा के उसके पिता की जमकर पिटाई की थी। बाईक सवार उस शख्स पर लाठियां बरसाई गई ती. नन्हा बच्चा रोते रहा फिर भी इस मनबढू थानेदार का कलेजा नहीं पसीजा। थानेदार का लाठी बरसाते वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. पुलिस की जब भद्द पिट गई तो तत्कालीन एसपी नवीन चन्द्र झा ने आरोपी ओपी प्रभारी संदीप को सस्पेंड किया था. इसके अलावे आदापुर थानाध्यक्ष रहते एक युवक की पिटाई की गई थी। जिसको लेकर कई दिनों तक तत्कालीन थानेदार संदीप के खिलाफ धरना-प्रदर्शन हुआ था. वहीं आदापुर थाने में प्राइवेट आदमी रख कर थाना चलाने को लेकर डीआईजी ने जांच कराई थी। वहीं पहाड़पुर थानाध्यक्ष बनने के कुछ दिन बाद ही एक शराब तस्कर को रुपए लेकर छोड़ने का भी आरोप लगा था। तब जांच भी हुई थी . कहा जाता है कि वरीय पदाधिकारी के पास अच्छी पैरवी की बदौलत तब बच गये थे. आदापुर थाना में रहने के दौरान चौकीदार को गाली देने का मामला भी सुर्खियों में रहा था. जिसको लेकर चौकीदार संघ ने धरना प्रदर्शन दिया था । इस मामले में भी जांच की गई थी. 

दूसरे थाने में जाकर स्थानीय नेता की पिटाई का आरोप 

अब नया मामला मोतिहारी के एसएसी-एसटी थाना से जुड़ गया है। बंजरिया के थानेदार संदीप कुमार पर आरोप है कि इन्होंने एससी-एसटी थाना में जाकर हाजत से निकालकर एक स्थानीय नेता की जमकर पिटाई की है। आदापुर के पूर्व थानेदार व वर्तमान में बंजरिया के मनबढू थानेदार पर विरोध का बदला लेने के लिए एससी-एसटी थाना हाजत से निकाल कर जिला पार्षद पति की पिटाई का आरोप है। जिला पार्षद पति रमेश सिंह ने बताया कि विद्युत् जेई के सरकारी कार्य मे बाधा डालने के केस के आरोप में आदापुर पुलिस ने रविवार की अहले सुबह टहलने के दौरान गिरफ्तार किया था। आदापुर पुलिस ने गिरफ्तारी के तुरन्त बाद उसे लेकर मोतिहारी एससी/एसटी थाना हाजत में बंद कर दिया। जहाँ आदापुर के पूर्व थानेदार सह बंजरिया के थानेदार द्वारा अभद्र व्यवहार किया गया। वहीं कम्पाउंड में उसकी पिटाई की गई। जिला पार्षद पति ने बताया कि आदापुर के पूर्व थानेदार संदीप कुमार जो वर्तमान में बंजरिया थाना में एसएचओ के पद पर पदस्थापित हैं के गलत कार्यो के विरुद्ध वरीय अधिकारियों से शिकायत की थी। इसी से वह हमारे खिलाफ आगबबूला था. थानेदार ने बदला लेने के लिए साजिश के तहत घटना को अंजाम दिया। बिना किसी वरीय पदाधिकारी के निर्देश के बदला लेने के लिए दूसरे थाना पहुचकर बंजरिया थानेदार द्वारा हाजत से निकलकर मारपीट व गली गलौज किया गया है। उन्होंने कहा की एससी/एसटी थाना की सीसीटीवी की जांच कराई जाय व उपस्थित पुलिस कर्मियों से पूछताछ किया जाय तो मामले का खुलासा हो जाएगा। 

तीनों थानेदार के बयान में भारी विरोधाभास  

मीडिया में खबर आने के बाद मोतिहारी के एसपी ने संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिये हैं. रक्सौल एसडीपीओ के जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है।आदापुर थानेदार, एससी-एसटी थानेदार और आरोपी बंजरिया थानेदार के बयान से ही पूरे मामले से पर्दा उठ जा रहा है। तीनों थानेदार के बयान में भारी विरोधाभाष है. जांच अधिकारी रक्सौैल एसडीपीओ को इस केस को सुलझाने के लिए अधिक मिहनत करने की जरूरत नहीं। इऩ तीनों से पूछताछ और सीसीटीवी से ही इस मनबढू थानेदार की पूरी पोल खुल जायेगी। एससी/एसटी थानेदार चंद्रिका कुमार ने बताया कि हम डेरा पर थे। हाजत में आदापुर से एक कैदी को लाने की सूचना दी गयी थी। हाजत से निकालकर क्या किया गया इसकी जनकारी मुझे नही है। वहीं आदापुर थानेदार डॉ राजीव नयन प्रसाद ने बताया कि सरकारी कार्य मे बाधा डालने के आरोप में जिला पार्षद पति रमेश सिंह को गिरफ्तार किया गया था। जिसे एससीएसटी थाना हाजत में बंद किया गया था। बंजरिया थानेदार द्वारा पूछताछ के लिए हाजत से निकाला गया था। बड़ा सवाल यही है कि बंजरिया थानेदार ने किस हैसियत से और केस में पूछताछ के लिए उस शख्स को हाजत से निकाला? दूसरे के थाने में जाकर वह कैसे किसी को हाजत से निकाल सकते हैं ? क्या आरोपी को पकड़ने के लिए बंजरिया थानेदार गए थे ? अगर नहीं गए थे तो फिर थाना पर कैसे पहुंचे ? आदापुर, बंजरिया और एससी-एसटी थानेदार के मोबाईल का कॉल डिटेल और टावर लोकेशन से दूध का दूध और पानी का पानी अलग हो जायेगा।   

आरोपी वर्तमान बंजरिया थानेदार संदीप कुमार ने बताया कि जिला पार्षद पति जूता पहनकर थाना हाजत में चला गया था। उसे थाना हाजत से निकलकर जूता खोलवाया गया। वहीं पॉकेट जांच करवाया गया। मैं थाना कैम्पस में नही गया था। उन्होंने कहा की मारपीट व अभद्र व्यवहार का लगाया गया आरोप निराधार है। बंजरिया थानेदार के बयान से ही बहुत कुछ साफ हो रहा। जब वे थाना कैंपस में नहीं गए तो फिर कैसे जान गए कि शख्स जूता पहनकर हाजत में गया था? उसे हाजत से निकलवाया गया वे कैसे जान गए ? उसके पैकेट की जांच की गई यह भी कैसे जान रहे ?आखिर आदापुर थाने के किसी केस में उन्हें क्यों इतना इंटरेस्ट था ? इस सवाल का जवाब तो आरोपी थानेदार को देना ही होगा?


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