BHAGALPUR : हमेशा अपने काम और बिगड़े बोल के कारण सुर्खियों में रहने वाले गोपालपुर से जदयू विधायक गोपाल मंडल एक बार फिर विवादों में घिरते दिख रहे हैं, जदयू विधायक अपने ही सरकार के द्वारा संक्रमण से बचाव को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देश को ठेंगा दिखाते नजर आए. दरअसल विधायक अपने कुछ सहयोगीयों के साथ भागलपुर के जहाज घाट से गंगा स्नान कर कांवड़ में जल भरकर पैदल भोलेनाथ का जयकारा लगाते हुए जल चढ़ाने बुढ़ानाथ मंदिर पहुंचे, इस दौरान जिला प्रशासन के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार बुढ़ानाथ मंदिर का मुख्य दरवाजा बंद मिला. जिसके बाद विधायक ने मंदिर प्रबंधन के लोगों को अपना दबंगई दिखाना शुरू किया और मुख्य दरवाजा खोलने को कहा. लेकिन सरकार और जिला प्रशासन के दिशा निर्देश के अनुसार जब मंदिर प्रबंधन के लोग मुख्य दरवाजा को नहीं खोला तो विधायक ने मंदिर प्रबंधक और वहां मौजूद पुजारियों को गेट नहीं खुलने पर अंजाम भुगतने की धमकी देते हुए एक घंटे तक जमकर बवाल काटा.
इस दौरान मंदिर के मुख्य गेट को तोड़ने का भी प्रयास किया. जिसके बाद मंदिर प्रबंधन ने इसकी जानकारी स्थानीय जोगसर थाना और जिले के वरीय पदाधिकारियों को दी. उसके बाद मौके पर पहुंचे जोगसर थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर से गेट खुलवाने को लेकर विधायक जी उलझ भी पडे. बाद में विधायक जी बुढ़ानाथ मंदिर के समीप एक मंदिर में जल चढ़ाकर वहां से रवाना हुए. इस दौरान जदयू विधायक ने कहा कि हम विधायक हैं और मेरे आने के बाद दर्शन और पूजा के लिए फाटक खोल देना चाहिए था. उन्होंने यूं तो बिहार सरकार के द्वारा पूरा संक्रमण से बचाव को लेकर जारी गाइडलाइन को लोगों के हित के लिए बताया.
लेकिन बुढ़ानाथ मंदिर में प्रवेश नहीं किए जाने से नाराज विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि जिस तरह स्थानीय थाना पुलिस उनके साथ रौब से पेश आई. अगर वह पूजा करने नहीं आए होते तो पुलिसकर्मी का तैश झार देते. जदयू विधायक ने कहा कि वे पूरे देश पर शासन करने को लेकर भोलेनाथ के शरण में आए थे. क्योंकि लोग कुर्सी के लिए मरते हैं और हम जनता के लिए. वहीं इस पूरे प्रकरण पर भागलपुर के जिला अधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने सदर एसडीओ आशीष नारायण को जांच का आदेश दिया है. साथ ही दूरभाष पर बात करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी. मामला जो भी हो, लेकिन जिस तरह गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाते दिखे. इसको लेकर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करती है, लोगों की नजर उस पर टिकी हुई है.
भागलपुर से अंजनी कुमार कश्यप की रिपोर्ट