PATNA : आसरा होम कांड में गुरुवार, 16 अगस्त को पुलिस की रिमांड अवधि खत्म हो गयी। आरोपी मनीषा दयाल और चिरंतन को राजीव नगर थाना की पुलिस ने बुधवार को पूछताछ के बाद ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इधर, इसी बीच बता दें कि आरोपी चिरंतन ने मजिस्ट्रेट के यहां जाते वक्त सनसनीखेज खुलासा किया है। उसने कहा है कि मुझे इस मामले में साजिशन फंसाया गया है।
गौरतलब है कि इसके पहले भी 13 अगस्त को पुलिस कस्टडी में चिरंतन दास ने अपनी जान का खतरा बताकर सनसनी फैला दी थी। उसने सियासी लोगों से अपनी जान का खतरा बताया था। चिरंतन कुमार दास नाम का यह शख्स आसरा होम को चलाने वाली NGO अनुमाया ह्यूमन रिसर्च फाउंडेशन का सचिव है। चिरंतन इवेंट मैनेजमेंट का काम भी देखता है।
इधर, बताया जा रहा है कि पूछताछ में चिरंतन और मनीषा ने पुलिस को कई अहम बातें बतायी हैं, जो आगे चलकर पुलिसिया तफ्तीश में सहायक बनेंगी। मनीषा ने भी कुछ राज़ खोले हैं लेकिन फिलहाल पुलिस कुछ भी नहीं बता रही है। जांच की बात कहकर आलाधिकारी चुप्पी साध लेते हैं।
रिमांड की अवधि में मनीषा और चिरंतन से महिला थाना में पूछताछ की गयी। पुलिस ने मनीषा और चिरंतन को तीन दिनों के रिमांड पर लिया था। पूछताछ के दौरान मनीषा व चिरंतन कई बार झल्ला जा रहे थे और सभी बड़े लोगों का नाम उगल देने की बात कह रहे थे। केस के आईओ ललन सिंह ने पूछताछ की प्रश्नावली तैयार की है।
12 अगस्त, बीते रविवार की देर रात मजिस्ट्रेट नीलू पॉल के बयान पर दो संवासिनों के मौत मामले में राजीवनगर थाने में एफआईआर दर्ज की गयी थी। एफआईआर में चिरंतन कुमार और मनीषा दयाल के अलावा एक डॉक्टर और एएनएम का भी नाम है। दर्ज केस में बताया गया है कि संवासिनों के इलाज में लापरवाही बरती गयी। बता दें कि रविवार की रात ही सीआईडी की टीम ने 'आसरा गृह' पहुंच कर जांच की थी।
पटना के नेपाली नगर स्थित आसरा होम कांड में हर पल कुछ नया खुलासा हो रहा है। दो संवासिनों की संदिग्ध मौत के बाद पुलिस जांच तेज हो गयी है। पुलिस ने इस मामले में चार एफआईआर दर्ज की है। पुलिस डॉक्टर अंशुमन की तलाश में खाक छान रही है। बता दें कि ये वही डॉक्टर साहब हैं जो आसरा होम में संवासिनों के बीमार पड़ने पर उनका इलाज करते हैं। दो संवासिनों के मौत मामले में भी कहा जा रहा है कि पीएमसीएच ले जाने के पहले बीमार संवासिनों को डॉक्टर अंशुमन के पास ही इलाज के लिए लाया गया था।