PATNA: बिहार में पांच सीटों पर हुए उपचुनाव में जीतनराम मांझी ने महागठबंधन से विद्रोह कर नाथनगर सीट से अपना उम्मीदवार उतारा था।अपने उम्मीदवार को जिताने के मांझी ने खूब पसीना भी बहाया।कई दिनों तक वे भागलपुर में कैप कर प्रचार करते रहेा।मांझी की तरफ से दावे किए जा रहे थे कि उनके उम्मीदवार की जीत पक्की है।वे यह भी कहने से बाज नहीं आ रहे थे कि राजद का उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहेगा।
लेकिन नाथनगर के चुनाव में जीतनराम मांझी की नैया डूब गई।जीत का दावा करते-करते उनके उम्मीदवार ने अपनी जमानत भी गवां दी। मांझी के उम्मीदवार अजय कुमार राय को महज चार फीसदी वोटों से संतोष करना पड़ा।
बिहार की राजनीति में पिछले कुछ वर्षों से अपनी पार्टी की मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश में जुटे जीतन राम मांझी का भविष्य एक बार फिर दांव पर लग गया है। नाथनगर विधानसभा सीट के परिणाम से महागठबंधन में उनकी नैया डगमगाती दिख रही है। अब महागठबंधन के सबसे बड़े घटक दल राजद ने जीतनराम मांझी की ताकत को देख लिया है।इस चुनाव के बाद जीतनराम मांझी के लिए महागठबंधन में तोल-मोल करना अब आसान नहीं रहेगा।
वीआईपी ने बचा ली जमानत
हालांकि महागठबंधन की दूसरी सहयोगी मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने अपनी लाज बचा ली है।सिमरी बख्तियारपुर सीट से उनके उ्मीदवार ने करीब 26 हजार वोट लाकर अपनी जमानत बचा ली है।