PATNA: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में पूर्व सीएम जीतनराम मांझी ने नीतीश कुमार के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जेडीयू ने अपने खाते से मांझी की पार्टी को सात सीटें दी थी। विधानसभा चुनाव में हम के चार विधायक जीतकर आये। इस आधार पर मांझी ने अपने विधान पार्षद पुत्र को नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनवा दिया। अब पूर्व सीएम जीतनराम मांझी चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किये थे उसे लागू करने को लेकर प्रेशर बनाने में जुट गये हैं।
बेरोजगारों को 5000 रू भत्ता दे सरकार
जीतन राम मांझी समय-समय पर सीएम नीतीश पर प्रेशर बनाते रहे हैं। राज्यपाल कोटे से भरी जाने वाली विप की 12 सीटों में 1 सीट को लेकर मुख्यमंत्री पर प्रेशर बनाया था। हालांकि इसमें वे कामयाब नहीं हो पाये थे। तब मांझी थोड़े नाराज भी हुए थे। एक बार फिर से हम के मुखिया मांझी ने सीएम नीतीश से बड़ी मांग की है। इस बार उन्होंने चुनाव में किये गये वादे को लागू करने की बड़ी मांग रख दी है। मांझी ने ट्वीट कर कहा है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे हमारे बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए HAM ने चुनावी घोषणा पत्र में वादा किया था कि हमारी सरकार बनी तो उन्हें 5000₹ बेरोज़गारी भत्ता देंगे।
मांझी का मिशन होगा कामयाब?
पूर्व सीएम ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध करता हूं कि सूबे के बेरोज़गार युवक/युवतियों को 5000₹ बेरोज़गारी भत्ता दें।हालांकि पूर्व सीएम अपनी मांग मनवाने में कितना कामयाब होंगे इसकी आशा कम ही दिख रही है। क्यों कि चुनाव के बाद नई सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट में 2020-2025 के सुशासन के कार्यक्रम तय हुए थे। इस कार्यक्रम में बीजेपी की चुनावी घोषणा और जेडीयू की तरफ से किये गये वादे को मूर्त रूप देने को लेकर प्रस्ताव पास किया गया था।