PATNA : विधान परिषद के सात सीटों पर होनेवाले चुनाव को जिस तरह से महागठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच तकरार सामने आई है। उसके बाद मांझी की हम ने वामदलो को राजद से सावधान रहने की नसीहत दी है। पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि यह अभी जो हो रहा है, वह कोई नई बात नहीं है। राजद और तेजस्वी यादव पहले भी ऐसा कर चुके हैं।
दानिश रिजवान ने राजद को तानाशाह करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब महागठबंधन बना तो इसमें हम, रालोसपा, वाम दल और कांग्रेस भी शामिल थे। लेकिन इन सभी पार्टियों पर राजद का रवैय्या तानाशाही वाला रहा। जिसके कारण विधानसभा चुनाव से पहले मांझी ने खुद को अलग किया। बाद में रालोसपा ने भी सीट बंटवारे से लेकर नाराजगी जाहिर किया और राजद और महागठबंधन से नाता तोड़ लिया।
कांग्रेस को कान पकड़कर फेंका
दानिश रिजवान ने कहा कि कांग्रेस के साथ भी राजद का व्यवहार ऐसा ही रहा। सभी ने देखा कि जब कांग्रेस ने उप चुनाव में अपने हिस्से की सीट की मांग की तो किस तरह उसे कान पकड़कर महागठबंधन के बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सहनी के पीठ में भी छूरा घोंपा
विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे के दौरान उन्होंने अपने मित्र मुकेश सहनी ने अपने हिस्से की मांग की उनकी पीठ में भी छूरा मारने का काम किया। महागठबंधन में कोई ऐसा नहीं है, जिसको राजद ने ठगा नहीं
अब सिर्फ वामदल बाकि
दानिश रिजवान ने कहा कि बिहार में एक-एककर महागठबंधन की सारी पार्टियों ने राजद से किनारा कर लिया है। सिर्फ वाम पार्टियां ही बची हुई थी, उनको भी राजद ने नहीं छोड़ा। विधान परिषद चुनाव इसका उदाहरण है। जल्द ही राजद उन्हें भी किनारे देगी
बता दें बिहार में होनेवाले विधान परिषद की सात सीटों में से तीन सीटों पर महागठबंधन ने अपनी दावेदारी पेश की है। राजद ने इन तीनों सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम भी जारी कर दिए है। जिसके बाद राजद के सहयोगी वामदलों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है और राजद से एक सीट छोड़ने की मांग की है। लेकिन, राजद की तरफ से जो बातें सामने आई हैं, उसमें साफ हो चुका है कि वह अपने फैसले नहीं बदलेगी।