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बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के गाँव की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, कोरोना काल में भी नहीं पहुंचे नर्स और डॉक्टर

बीजेपी सांसद मनोज तिवारी के गाँव की स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल, कोरोना काल में भी नहीं पहुंचे नर्स और डॉक्टर

KAIMUR : कोरोना संक्रमण के दूसरी लहर में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी. जगह जगह स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलने लगी. आज भी यह सिलसिला बदस्तूर जारी है. बताते चलें की कैमूर जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है. अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब दिल्ली के बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी के गांव में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का नहीं मिल रहा लाभ तो अन्य जगहों पर का क्या हाल होगा. 

मोहनिया प्रखंड के शहबाजपुर पंचायत के अतरवलिया गांव में स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल है. गांव में निजी मकान में स्वास्थ्य उपकेंद्र तो कागज में चलता है. लेकिन ग्रामीणों को इसका कोई लाभ नहीं मिलता है. अतरवलिया गांव के ही  दिल्ली के बीजेपी सांसद मनोज तिवारी हैं. 40 गांव के लोग इसी अस्पताल के ऊपर डिपेंड है. कोरोना काल में भी न तो कोई चिकित्सक आये और ना ही एएनएम लोगों को दवा देने और जांच करने के लिए पहुंची. यहां तक कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र के माध्यम से कोरोना का जांच भी इस गांव में नहीं हुआ है. हालाँकि एक महीना पहले गांव के काली मंदिर के पास कुछ लोगों को कोविड-19 का टीका जरूर लगाया गया है. 

ग्रामीण बताते हैं बहुत पहले चिकित्सक यहां पर आते थे. लेकिन अब यहां कोई नहीं आता है. कागजों में स्वास्थ्य केंद्र चलता है और उसके नाम पर निजी मकान के मालिक को पैसा दिया जाता है. जब भी कोई बीमार होता है तो गांव के झोलाछाप डॉक्टर के यहां इलाज कराया जाता है या फिर ज्यादा बीमारी बढ़ने पर यहां से 10 किलोमीटर दूर अनुमंडल अस्पताल मोहनिया में पहुंचाया जाता है. 

अनुमंडल अस्पताल उपाधीक्षक डॉ ए के दास बताते हैं की सप्ताह में 2 दिन बुधवार और शुक्रवार को एएनएम उप स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचती है और लोगों के बीच सेवा देती है. उप स्वास्थ्य केंद्र बंद होने का जानकारी मुझे किसी के माध्यम से नहीं दिया गया है फिर भी मैं जांच करा लूंगा. 

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट

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