बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

परिवहन विभाग ने दी बड़ी राहत, दोपहिया वाहनों के मनपंसद नंबर के रेट में की गई भारी कमी

परिवहन विभाग ने दी बड़ी राहत, दोपहिया वाहनों के मनपंसद नंबर के रेट में की गई भारी कमी

PATNA : दोपहिया वाहनों में मनपसंद नंबर लगाने की शौक रखने वालों के लिए राहतभरी खबर है। ऐसे लोगों को राहत देते हुए परिवहन विभाग ने मनपसंद नंबर के आधार शुल्क में भारी कमी की है। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि दोपहिया वाहन चालक भी मनपसंद का नंबर लेना चाहते थे। लेकिन रेट अधिक होने की वजह से नहीं ले पाते थे। अब दोपहिया वाहन के लिए भी सस्ती दरों में मनपसन्द नम्बर ले सकेंगे। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि अब 0101, 0100, 0012, 1234 आदि जैसे दोपहिया वाहन हेतु मनपसन्द नंबर के लिए आधार शुल्क में 20 हजार रुपया कम लगेंगे। पहले इसी नम्बर के लिए गैर परिवहन वाहन हेतु 35000 रुपये लगता था, जो घटा कर 15000 रुपये किया गया है। वहीं 0121, 0123,0151 आदि मनपसंद नंबर के लिए 16000 रुपये से घटाकर 10000 रुपये किया गया है। इसके अलावा कोई अन्य निबंधन संख्या, जिसे चालू सीरीज में मनपसंद निबंधन संख्या के रूप में मांग किया गया हो उसमें 10000 रुपये से कम कर 5000 रुपया किया गया है।

उन्होंने बताया कि गाड़ियों का नंबर लेने के लिए कई लोग अपने जन्म तिथि, शादी की सालगिरह, ज्योतिष, न्यूमरोलाॅजी, ऑड नंबर और धार्मिक आधार पर नंबर लेना पसंद करते हैं, तो कोई किसी खास अंक के नंबर को शुभ व अशुभ मानते हुए नंबरों को लेना चाहते हैं। इस तरह के नंबर लेने की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है। आसानी से घर बैठे ही ऑनलाइन फैंसी/मनपसंद नंबर की बुकिंग करा सकते हैं। परिवहन सचिव ने बताया कि अपनी गाड़ियों के लिए फैंसी नंबर या मनपसंद का नंबर अब खुद ही घर बैठे ऑनलाइन बुक करा सकते हैं। इसके लिए किसी डीटीओ कार्यालय में ज्यादा भाग दौड़ करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। परिवहन विभाग ने फैंसी नंबर और लकी नंबर की बढ़ते डिमांड को देखते हुए ऑनलाइन व्यवस्था शुरु किया है। 

कार, बाइक या अन्य गाड़ियों के लिए फैंसी नंबर और मनपसंद का नंबर पाने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फैंसी नंबर में एक ही नंबर के लिए एक से अधिक दावेदार होने की स्थिति में बोली लगेगी और अधिकतम बोली लगाने वाले को वह नंबर दिया जाएगा। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी तथा आवेदक बोली एवं निष्कर्ष को स्वयं भाग लेकर देख सकेंगे।

पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट 


Suggested News