जमुई- जब एक बाप अपनी बेटी की शादी करता है तो न जाने कितने कर्ज का बोझ उसके अंतिम सांस तक नही टूट पाता. लेकिन राम के भेष में रावण बने कुछ लोग लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ते.समाज में बेटियां सीता का फर्ज निभा रही है और विकास जैसे कुछ लोग राम की जगह रावण का रूप धारण कर बैठे हैं. इतना ही नहीं समाज को कलंकित करने वाले ऐसे लोगों ने शादी विवाह और बेटियों को मानो हाथों की कठपुतली बना रखा है.
मामला झाझा पुरानी बाजार के रहने वाले चश्मे दुकान का संचालक विकास बरनवाल से जुड़ा है जिसने एक साथ चार जिंदगियों को तबाह कर रख दिया. पहले विकास ने अपनी पत्नी की आंखों में धूल झोंककर दूसरी शादी की और फिर पहली पत्नी और दो मासूम बच्चे को घर से बेदखल करने का इंतजाम कर लिया. परंतु कहते हैं ना कि एक स्त्री सीता भी है और दुर्गा भी. पत्नी धर्म का फर्ज निभाते हुए नीतू अपने पति के खिलाफ शिकायत लेकर न्याय की गुहार लगाने थाने पहुंची और अपनी आपबीती बताई फिर क्या पुलिस ने भी मामला संज्ञान में लेकर पीड़िता की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली और कार्रवाई में जुट गई.
पीड़िता के परिजनों की मानें तो विकास बरनवाल के लिए शादी विवाह गुड्डा गुडिया का खेल है परंतु समाज में उसके इस कार्य ने भाई बहन के रिश्ते को भी शर्मसार कर दिया.खुदरा विक्रेता संघ जैसे बड़े संस्था का कार्यसमिति सदस्य होकर ऐसा घृणित कार्य करना नगर में यह मामला चर्चा का विषय बन चुका है कि आखिर दो बेटियों की जिंदगी को बर्बाद करने का अधिकार इसे किसने दिया.हालांकि विकास की दोनों पत्नी के बीच हुए विवाद के बाद दूसरी पत्नी अस्पताल में इलाजरत है और पहली पत्नी नीतू का भी रो रोकर बुरा हाल है.
सूत्रों की मानें तो विकास का कई महीनो से किसी और लड़की से प्रेम संबंध चल रहा था और जब इस बात की भनक विकास की पत्नी नीतू को लगी तो विकास ने उस अवैध संबंध वाली लड़की को अपनी बहन बता कर उसकी बात को टाल दिया. लेकिन कुछ दिन के बाद ही उसने दूसरी शादी कर ली और पहली पत्नी पर डायवोर्स का दबाव बनाने लगा.
पहली पत्नी नीतू ने बताया विकास यह सब पैसे के लालच में किया क्योंकि जिस लड़की को वह बहन बता रहा था, सरकारी स्कूल की शिक्षिका बनते ही विकास ने उससे शादी कर लिया. अब सवाल यह उठता है कि आखिर कब तक बेटियां इस हवसिया लोगों के चंगुल का शिकार होती फिरेंगी और इन्हे न्याय कौन दिलाएगा?
रिपोर्ट- सुमित कुमार