KATIHAR : बिहार में शराबंदी को कई साल गुजर चुके हैं, लेकिन कटिहार में स्थिति कुछ और ही नजर आती है। कम से कम शहर के नगर निगम परिसर में बने ऐतिहासिक शहीद स्तंभ की स्थिति को देखकर ऐसा कहा जा सकता है। जहां हर दिन शराब के नशे में धूत नशेड़ियों का जमावड़ा लगा रहता है। इन्हें रोकने के लिए न तो निगम प्रशासन न ही पुलिस की तरफ से कोई पहल की जा रही है। जिसके कारण अब शहर के लोगों में आक्रोश पनपने लगा है।
यहां रहनेवाले लोगों ने बताया कि शहीद स्तंभ को कटिहार शहर के ह्रदय स्थली कहा जाता है। यह कटिहार के 13 वीर सपूतों के याद में बनाया गया था। लेकिन वीर सपूतों के सम्मान में बने इस स्तंभ को शराबियों ने अपना अड्डा बना लिया है। स्तंभ के बगल में शराब की खाली बोतल और रैपर बिखरे पड़े रहते हैं, जो कही न कहीं व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है। लोगों ने इसके लिए नगर निगम पर सवाल उठा दिया। उनका कहना था कि उनके परिसर में इस तरह से शराबखोरी हो रही है, लेकिन न तो महापौर और न ही आयुक्त द्वारा कोई कार्रवाई की जा रही है।
सरकार पर सवाल
लोगों का कहना था कि इस ऐतिहासिक स्थल को उन लोगों की याद में बनाया गया है, जिन्होंने देश की आजादी के लिए अपनी जान दी। ऐसे शहीदों का इस तरह अपमान किया जा रहा है। जिसे सही नहीं कहा जा सकता है। हद तो यह है कि बिहार में शराबबंदी है, कोरोना में प्रतिबंध लगा हुआ है, लेकिन यहां स्थिति बिल्कुल उलट नजर आ रही है। लोगों ने शराबबंदी के बावजूद ऐतिहासिक महत्व वाले इस पार्क में खाली शराब के बोतल और रैपर को लेकर लोगों ने नाराजगी जताते हुए इस की निदान की मांग की है।