PATNA : दो माह पहले हुए बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा 3.0 पेपर लीक मामले में ईओयू ने मास्टर माइंड के नाम का खुलासा कर दिया है. ईओयू ने बताया है कि पेपर लीक का मास्टरमाइंड डॉ. शिव कुमार उर्फ शिव उर्फ बिट्टू ही है। इसके साथ ही अब नीट पेपर लीक मामले की जांच की जिम्मेदारी भी ईओयू को सौंप दी गई है। जिसकी कमान विभाग के एसपी मदन कुमार के हाथों में होगी।
बेहद शातिर है शिव कुमार
EOU की ओर से बताया गया है कि डॉक्टर शिव कुमार 2017 में NEET-UG के परीक्षा पत्र लीक का अभियुक्त भी रहा है। मामले में पटना के पत्रकार नगर थाने में एक केस भी दर्ज है। इस कांड में शुभम मंडल भी शामिल था, जो पटना के खगौल अफसर कॉलोनी का रहने वाला है। EOU के मुताबिक, सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक में भी इनका ही हाथ था।
यह लगातार कई महत्वपूर्ण सरकारी संस्थानों की प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रश्न पत्र लीक और फर्जीवाड़ा को अंजाम देता आ रहा है। इसी वर्ष उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक कांड में भी इन दोनों की संलिप्तता सामने आई है। ईओयू ने बताया कि इस अंतरराज्यीय गिरोह के तार उत्तर प्रदेश, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं अन्य कई राज्यों से जुड़े हैं और कई वर्षों से प्रश्नपत्र लीक करवाने के धंधे में लगे थे। जिससे इन्हें मोटी कमाई होती थी।
प्रीटिंग प्रेस की जानकारी जुटा कराते थे पेपर लीक
ये लगातार इस टोह में रहते हैं कि किस राज्य के किस प्रिटिंग प्रेस में प्रश्न पत्र छप रहा है और प्रश्न पत्रों का ट्रांसपोर्टेशन किस प्रकार से किया जाना है। वहां के कर्मचारियों से ये मोटी राशि पर सौदा तय करते थे। प्रश्न पत्र प्राप्त हो जाने पर उन्हें अभ्यर्थियों को परीक्षा से पूर्व निर्धारित स्थानों जैसे होटल, सेफ हाउस, बैंक्वेट हॉल इत्यादि में ले जाकर उसका उत्तर याद करवा देते थे। वहां से अभ्यर्थियों को अपनी निगरानी में ही सीधे परीक्षा केन्द्र पहुंचाते थे।
इस तरह कराया TRE 3.0 का पेपर लीक
TRE 3.0 की परीक्षा में इन्हें पता चल गया था कि प्रश्न पत्र के ट्रांसपोर्टेशन का कार्य D.T.D.C. कोरियर कंपनी के जरिए किया जाना है। जिसमें कुछ गाड़ियां एक प्राइवेट व्यक्ति श्रीनिवास चौधरी से भी हायर किया जाना है। श्रीनिवास चौधरी अक्सर कई लॉजिस्टिक कंपनियों को अपनी गाड़ियां उपलब्ध करवाते हैं। प्रश्नपत्र की पेटी को स्पेशलाइज्ड टूल्स से खोलकर स्कैन किया गया
12 मार्च को राहुल पासवान ने श्रीनिवास चौधरी को अपने साथ मिलाकर पटना से नवादा प्रश्न पत्र ले जाने के क्रम में ही उसे पेटी से निकालकर स्कैन करने की योजना बनाई। नवादा के लिए प्रश्न पत्र लेकर जाने वाले ड्राइवर राजभवन पासवान, श्रीनिवास और राहुल को इस कार्य के लिए मोटे रकम का लालच देकर तैयार कर लिया गया।
जैसे ही गाड़ी बुद्धा फैमिली रेस्टोरेंट नगरनौसा पहुंची और चालक ने गाड़ी खड़ी की, वहां योजनानुसार पूर्व से ही शिव कुमार और इनके पिता संजीव मुखिया के साथ इनके गिरोह के कई सदस्य मौजूद थे।
वहां होटल मालिक अवधेश कुमार की निगरानी में ही प्रश्नपत्र की पेटी को स्पेशलाइज्ड टूल्स के माध्यम से खोलकर स्कैन कर लिया गया। EOU की टीम ने उनके पास से कुछ स्पेशलाइज्ड टूल्स भी जब्त किए हैं।
10 लाख में उपलब्ध कराए गए पेपर
गिरोह को प्रश्नपत्र प्राप्त होते ही अलग-अलग माध्यमों से अन्य सदस्यों के पास पहुंचा दिया गया। जिसे वे पूर्व से तय राशि 10 से 12 लाख रुपए प्रति अभ्यर्थी पर हजारीबाग के कोहिनूर बैंकेट हॉल में सैकड़ों अभ्यर्थियों के बीच पहुंचा दिया। सभी को प्रश्नों के उत्तर याद करवा दिए।
अब तक कुल 279 अभियुक्त गिरफ्तार
अब तक इस पेपर लीक मामले में कुल 279 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। जिसमें जेनिथ लॉजिस्टिक्स के दो मुंशी राहुल पासवान और रमेश पासवान, जेनिथ लॉजिस्टिक्स के चालक रामभवन पासवान और शिवाकांत सिंह, D.T.D.C. कोरियर कंपनी के वेंडर श्रीनिवास चौधरी, बुद्धा फैमिली रेस्टोरेंट नगरनौसा के अवधेश कुमार शामिल हैं।