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मायावती ने गोपालगंज में मुखिया को बनाया अपना उम्मीदवार, नामांकन के बाद कहा - मैं पैराशुट उम्मीदवार नहीं, जिले के समस्यों की बेहतर जानकारी

मायावती ने गोपालगंज में मुखिया को बनाया अपना उम्मीदवार, नामांकन के बाद कहा - मैं पैराशुट उम्मीदवार नहीं, जिले के समस्यों की बेहतर जानकारी

GOPALGANJ : गोपालगंज में जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी लड़ाई है। वहीं दूसरी तरफ बीएसपी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ने के लिए मांझा प्रखंड के आदमापुर पंचायत के मुखिया ने नामांकन पर्चा दाखिल किया। इस दौरान उन्होंने कसम खाकर किए गए अपने वादे को पूरा करने की बात कही। 

दरअसल लोक सभा चुनाव को लेकर 25 मई को छठे चरण में चुनाव होने को है। जिसको लेकर पिछले 29 अप्रैल से नामांकन पर्चा दाखिल करने का सिलसिला जारी है। वही छठे दिन तीन प्रत्याशियो ने पर्चा दाखिल किया जिसमे एनडीए और महागठबंधन के उम्मीदवार प्रेमनाथ चंचल एनडीए प्रत्यासी डॉ आलोक कुमार सुमन के आलावा बीएपी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे आदमपुर पंचायत के मुखिया सुजीत राम ने भी जिलाधिकारी सह निर्वाचन पदाधिकारी मो मकसूद आलम के समक्ष नामांकन पर्चा दाखिल किया। 

वहीं आदमपुर पंचायत के मुखिया ने कहा पर्चा दाखिल करने के पूर्व कहा की मैं पांच मुद्दो को लेकर चुनाव लड़ रहा हूं। यहां से तीन टर्म रिजर्व रहा है। पूर्णमासी राम,जनक राम और डॉ आलोक कुमार सुमन ने यहां से प्रतिनिधित्व किया। लेकिन विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ।मेरा पांच मुद्दा है।  पहले मेरा मुद्दा रहेगा कि गोपालगंज में एक यूनिवर्सिटी की स्थापना हो। दूसरा यह रहेगा कि यहां एक स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। तीसरा सबेया हवाई अड्डा बनाना। चौथ जिस तरह से सिवान में बड़े गाड़ियों का ठहरा होता है उसी तरह गोपालगंज को बढ़िया एक रेलवे स्टेशन बनाना और सभी गाड़ियों का ठहराव करना। और पांचवा प्रत्येक पंचायत में दो-दो एंबुलेंस फ्री में चलवाना। 

मैं एक युवा कैंडिडेट हूं और पैराशूट कैंडिडेट नहीं हूं। मैं दक्षिण की तरफ हाथ कर के किरिया कसम खाकर यह कह रहा हूं कि पांचों वादा हर हाल में पूरा करूंगा।मैं महल और ऐसी में रहने वाला व्यक्ति नहीं हूं मेरे पिताजी 300 रुपया के मजदूरी करके यहां तक मुझे पहुंचा और मैं मुखिया बना। मैं गरीब का बेटा हूं।  मुखिया बनने के बाद मैं अपने पंचायत में आज भी फ्री एंबुलेंस चलवाता हूं।

रिपोर्ट - मनन अहमद

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