DESK. लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावी समर में इस बार बसपा सुप्रीमो मयावती चुनाव नहीं लड़ेंगी. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने मंगलवार को कहा है कि इस विधानसभा चुनाव में न तो मैं चुनाव लड़ूंगा और न ही बसपा बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव लड़ेंगी. इतना ही नहीं भाई भतीजावाद के आरोप से बसपा को दूर रखने के लिए इस बार सतीश चंद्र मिश्रा की पत्नी कल्पना मिश्रा और उनके बेटा कपिल मिश्रा भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. साथ ही मायावती के भतीजे आकाश आनंद भी चुनाव नहीं लड़ेंगे.
हालाँकि बसपा ने कहा है कि मायावती के चुनाव नहीं लड़ने का यह मतलब नहीं है कि पार्टी यूपी चुनाव को हल्के में ले रही है. इस बार बसपा ने तय किया है कि मायावती अपनी टीम को चुनाव लड़ाएंगी और वह न सिर्फ यूपी बल्कि पांचों चुनावी राज्यों में पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान संभालेंगी.
मिश्रा ने दावा किया कि बसपा इस बार यूपी में सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनने जा रही है. बीजेपी और समाजवादी पार्टी दूसरे और तीसरे नंबर के लिए लड़ाई कर रहे हैं. चुनाव से पहले और ना ही बाद में किसी के साथ बीएसपी का गठबंधन होगा.
मायावती को यूपी में बड़ा दलित नेता माना जाता है. उनके चुनाव नहीं लड़ने से अब जनता में क्या संदेश जाएगा यह देखने वाली बात होगी. हालाँकि उनके चुनाव नहीं लड़ने से पार्टी के चुनाव प्रचार में वह ज्यादा सक्रियता से अपनी भूमिका निभा सकती है और इसका फायदा पार्टी उम्मीदवारों को मिल सकता है.