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मोतिहारी में छुट्टी के दिन अफसर-ठेकेदार खा रहे MDM, जांच के नाम पर करोड़ों के घोटाला रफा-दफा करने में जुटे अधिकारी

मोतिहारी में छुट्टी के दिन अफसर-ठेकेदार खा रहे MDM, जांच के नाम पर करोड़ों के घोटाला रफा-दफा करने में जुटे अधिकारी

MOTIHARI : मोतिहारी में मध्य व प्राथमिक स्कूल के नौनिहालों को मिलने वाला निवाले का घोटाला दर परत दर खुलते जा रहा है। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी जांच के नाम पर निवाला घोटाला को रफ़ा दफा करने में जुटे है। पताही प्रखंड में एमडीएम के 219 क्विंटल चावल घोटाला सामने आने के बाद एमडीएम प्रभारी सह डीईओ ने बीआरपी और संवेदक पर प्राथमिकी दर्ज कराया है। पताही प्रखंड में एमडीएम घोटाला के बाद पूरे जिले के एक दो प्रखंड छोड़ अधिकांश प्रखंड में फरवरी माह के एमडीएम घोटाला की जांच की मांग उठने लगी थी। जिला में स्कूली बच्चों के निवाला के करोड़ो के चावल गबन का मामला उठने लगा। जिसके बाद डीईओ सह एमडीएम प्रभारी ने सोची समझी तरीके से कछुए गति से जांच शुरू कराया। ताकि स्कूल में गर्मी की छूटी शुरू होते ही मामला को रफ़ा दफा कर दिया जा सके। वही डेढ़ सप्ताह पूर्व मोतिहारी सदर,हरसिद्धि और छौड़ादानो प्रखंड का जांच कराया गया। लेकिन जांच के एक सप्ताह गुजरने के बाद भी कार्रवाई नही होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। तबतक ताजा मामला मधुबन प्रखंड में  बिना किसी सरकारी अनुमति के नवम्बर माह में 95 किविंटल एमडीएम का चावल उठाव कर गबन करने का मामला आने पर हड़कंप मच गया। इधर डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने एमडीएम में भारी गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर डीईओ को एमडीएम के प्रभार से हटाकर डीपीओ स्थापना को देने का निर्देश दिया है। जिला में हज़ारों किविंटल बच्चों के निवाला गटकने का मामला प्रकाश में आने के बाद  शिक्षा विभाग लीपापोती में जुट गया है। आखिर लीपापोती हो भी क्यों नही। जिला के एमडीएम का मलाईदार प्रभार खुद उक्त विभाग के वरीय पदाधिकारी के पास था। अपनी विभाग की खमिया छिपाने के लिए पताही के बाद मात्र तीन प्रखण्ड का जांच बीआरपी से कराया गया। उसके बाद भी जांच रिपोर्ट नही मिलने की दुखड़ा सुनाकर मामला की रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है। सोची समझी साजिश के तहत जिला के छह लाख 25 हज़ार नैनिहालो के निवाला के लगभग 26 हज़ार क्विंटल चावल का गबन का खेल किया गया। विभागीय जनकारी के अनुसार जनवरी से 27 फरवरी तक बंद एमडीएम के लिए 43 दिनों तक चावल नौनिहालों के बीच वितरण करना था। जो प्रति बच्चा 4 किलो 300 ग्राम के हिसाब से वितरण करना था। लेकिन सूत्रों की माने तो दो तीन प्रखंड छोड़ पूरे जिले में शिक्षा विभाग के अधिकारी के इशारे पर गबन का खेल हो गया।पताही में मामला संज्ञान में आने के बाद आनन फानन में 219 किविंटल चावल गबन म मामला दर्ज कराया गया। उसमें बीआरपी व संवेदक पर प्राथमिकी दर्ज कराया गया। लेकिन सूत्रों की माने तो पताही सहित प्रखंडो में अभिभावक व बच्चों से वितरण का जांच कर लिया जाय तो जिला के सबसे बड़ा घोटाला से इंकार नही किया जा सकता। जिला शिक्षा कार्यालय से लेकर एचएम,बीआरपी,संवेदक ,गोदाम प्रबंधक सभी के मिलीभगत से इतना बड़ा घोटाला हुआ है। चर्चा है कि नैनिहालो के हक का इतना  बड़ा घोटाला होने के बाद भी जिला के वरीय पदादिकारी का चुप्पी भी कई सवालों को जन्म दे रहा है। बाजार भाव 25 रुपया के दर से 26 हज़ार क्विंटल चावल का मूल्य लगभग 6 करोड़ 50 लाख के आसपास होगा।

बताया जा रहा है की जिला में जनवरी से 15 फरवरी तक 34 दिन के क्लियर नौनिहालों के वितरण के लिए 26845 किविंटल और 16 से 27 फरवरी तक 9 दिनों के लिए 7106 किवंतल चावल का आवंटन जिला मध्यान भोजन कार्यलय को प्राप्त हुआ था। जो नौनिहाल के बीच वितरण करना था। लेकिन संवेदक, शिक्षा विभाग के अधिकारी से एचएम तक मिलकर एक आवंटन के हज़ारों क्विंटल चावल कागज में वितरण कर नौनिहालों के हक का गबन कर गए। पताही प्रखण्ड में 889 क्विंटल एमडीएम का चावल कालाबाजारी करने का मामला सुर्खियों में आया। उसके बाद आनन फानन में शिक्षा विभाग द्वारा सभी स्कूलों का जांच कराया गया। जांच में कागज में उठाव व वितरण नही कर गबन के खेल में शामिल नही होने वाले स्कूल के रिपोर्ट में 219 किविंटल का गड़बड़ी का खुलासा हुआ। जिसके बाद जिला एमडीएम प्रभारी सह डीईओ द्वारा पताही बीआरपी व संवेदक पर 219 किविंटल चावल गबन का केस दर्ज कराया गया। पताही प्रखंड में नौनिहालों के निवाला में इतनी बड़ी गड़बड़ी के बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भनक तक नही लगना सवालों के घेरे से इनकार नही किया जा सकता। एक प्रखंड में इतनी बड़ी गड़बड़ी के बाद अन्य प्रखंडो में भी नौनिहालों के निवाला गबन का प्रश्न उठना लाजमी है। सरकार की ओर से नौनिहालों के शारीरिक विकास के लिए महत्वाकांक्षी योजना एमडीएम लागू किया गया।स्कूल में नौनिहालों को सही तरीके से मेन्यू के अनुसार भोजन मिल सके। इसके लिए जिला से प्रखंड स्तर के कई अधिकारियों को मोनेटरिंग का जिम्मा दिया गया। लेकिन इस योजना को धरातल पर उतारने वाले अधिकारी ही नौनिहालों के निवाला का गबन करने में जुटे है। शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार जिला के वरीय अधिकारी के निर्देश पर संवेदक,एमडीएम प्रभारी व एचएम कागज में ही नौनिहालों के निवाला का खेल फिफ्टी फिफ्टी में खेल गए है। जिला के कई प्रखंडो में एक आवंटन की चावल स्कूलों में कागज में ही उठाव वितरण करके 800 सौ से 1000 हज़ार प्रति किविंटल के दर से हिसाब कर खेल खेल लिया गया है। फरवरी माह के स्कूल में वितरण के आवंटन की जांच स्कूल एचएम के साथ साथ नामांकित बच्चों व अभिभावकों से करा दिया जाय तो जिला के सबसे बड़ी घोटाला से इनकार नही किया जा सकता।

पताही प्रखण्ड में गड़बड़ी का मामला उजागर होने के 20 दिन तक कछुए गति से जांच कराया गया। ताकि विद्यालय में गर्मी की छूटी होते ही मामला रफा दफा हो जाएगा। वही जांच जिला के प्रखण्ड के सभी बीआरपी की टीम बनाकर किया कराया गया। जब सभी प्रखंड में बीआरपी ही एमडीएम के जिम्मेवार है उसके बाद जांच उसी स्तर  पर होने को लेकर जांच पर प्रश्न उठना लाज़मी है। इधर ताजा मामला मधुबन प्रखंड में छुट्टी के दिनों में 95 क्विंटल एमडीएम का चावल उठाव किया गया। मामला वर्ष 2020 का है, जब एमडीएम के चावल उठाव किया गया। उस समय सभी सरकारी विद्यालयों में दीपावली,चित्रगुप्त पूजा एवं छठ की छुट्टी चल रही थी। सवाल उठता है कि इस दौरान चावल का उठाव कर किन विद्यालयों में वितरित किया गया। जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में 13 नवम्बर से 21 नवम्बर तक सभी सरकारी विद्यालयों में छुट्टी चल रही चल रही थी। इस दौरान 17 नवम्बर 2020 को गोदाम से बीआरपी व बीईओ के हस्ताक्षर से 95 क्विंटल कुल 190 बोरा का उठाव किया। सरकारी छुट्टी के दौरान जिला प्रशासन द्वारा उठाव को लेकर कोई आदेश भी जारी नहीं किया गया था। इसके बाद भी चावल का उठाव कर किन-किन विद्यालयों में वितरित किया गया। परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के वर्ष 2020 के कैलेंडर के अनुसार हिंदी विद्यालयों में 13 से 21 नवम्बर तक व उर्दू विद्यालयों में 14 से 22 नवम्बर 2020 तक छुट्टी थी। इस संबंध में डीईओ व डीपीओ को फोन किया गया। लेकिन दोनों पदाधिकारी ने फोन उठाना मुनासिब नही समझा। जिसके कारण उनका पक्ष नही रखा जा सका।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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