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मोतिहारी में MDM घोटाला! : विधायक प्रतिनिधि के घर से बच्चों का निवाला बरामद, एजीएम को बचाने में जुटे अधिकारी

मोतिहारी में MDM घोटाला! : विधायक प्रतिनिधि के घर से बच्चों का निवाला बरामद, एजीएम को बचाने में जुटे अधिकारी

मोतिहारी. पताही गोदाम परिवहन अभिकर्ता ने जिला प्रबंधक बिहार राज्य खाद निगम मोतिहारी को पत्र भेजकर गोदाम प्रबंधक पर बिना डिलीवरी बॉय के MDM वितरण का चावल रिसीव के ही स्कूल में भेजने का गंभीर आरोप लगाया है। परिवहन अभिकर्ता का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद MDM चावल के खेल में नया मोड़ आ गया है। चिरैया विधायक प्रतिनिधि के यहां से चावल बरामदगी मामले में क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म है, जितनी मुह उतनी बात कहने से लोग परहेज नहीं कर रहे हैं।

पताही थाना के परसौनी गांव के चिरैया भाजपा विधायक प्रतिनिधि गुड्डू सिंह के घर से मंगलवार को MDM के 39 बोरा चावल मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्राथमिकी दर्ज करने वाले गोदाम मैनेजर संजय कुमार एवं प्राथमिकी में गवाह बने डाटा ऑपरेटर मोहम्मद कलीम की भी भूमिका संदेह के घेरे में आ रही है। डिलीवरी के परिवहन अभिकर्ता ऋतुराज ने जिला प्रबंधक खाद निगम मोतिहारी को पत्र भेजकर कहा है कि पताही एफसीआई गोदाम से जिस गाड़ी पर 112 बोरा चावल 5 विद्यालयों में वितरण को भेजा गया। वह चावल मेरे प्रतिनिधि डिलीवरी बॉय की अनुपस्थिति में बिना डिलीवरी बॉय से रिसीविंग किये ही उक गाड़ी पर चावल लाद कर कालाबाजार को गोदाम मैनेजर डाटा ,ऑपरेटर मोहम्मद कलीम एवं गुड्डू सिंह एवं ड्राइवर द्वारा दिया गया था। इसके बाद वह चावल गुड्डू सिंह के घर पर बरामद हुआ है। साथ ही उनके घर के पास से मेरा गाड़ी बरामद हुआ है।

अभिकर्ता ऋतु राज द्वारा जिला प्रबन्धक को भेजे गये पत्र के बाद विधायक प्रतिनिधि के घर से  चावल बरामदगी मामले नया मोड़ आ गया है। अब प्रश्न यह उठता है कि ठीकेदार के प्रतिनिधि के अनुपस्थिति और बिना रिसीविंग कराए ही गोदाम मैनेजर एवं डाटा ऑपरेटर कलीम द्वारा गुडडू सिह को चावल वितरण को ड्राइबर के साथ क्यों भेज दिय। उक्त चावल में से 39 बोरा चावल गुड्डु सिह के घर बरामद हुआ। जब स्कूल के चावल आवंटन व वितरण ठीक है तो इतना चावल किसके इशारे पर गाड़ी पर लोड किया गया ? जनकार बताते हैं कि बिना गोदाम के मिलीभगत के खेल संभव ही नहीं है। ग्रामीणों ने  डीएम शीर्षत  से बच्चों के निवाला के खेल में शामिल सभी की जांच कर कठोर करवाई की मांग किया गया।

गोदाम प्रबंधक को बचाने में जुटे अधिकारी

डीएम एसएफसी ने बताया कि परिवहन अभिकर्ता का कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। वहीं उन्होंने कहा कि हमेशा बिना डिलीवरी बॉय के रिसीविंग के ही चावल का गोदाम से उठाव किया जाता था। बाद में रिसीव किया जाता था। इस बार मामला फंसने पर गोदान प्रबंधक पर बिना रिसीविंग के ही चावल वितरण के लिए भेजने का आरोप लगाया जा रहा है।

पताही में बच्चों का निवाला छीनने का खेल चल रहा है। कभी बच्चों के निवाला को शिक्षा विभाग के अधिकारी फर्जी संवेदक बहाल के गटक जाते हैं तो कभी बच्चों के हक की लड़ाई लड़ने वाले जनप्रतिनिधि ही गटक जाते हैं। जनप्रतिनिधि व शिक्षा विभाग अधिकारी के खेल में गोदाम प्रबंधक की भी भूमिका कोई साफ सुथरा नहीं दिख रहा है। गोदाम की भी करतूत हमेशा सुर्खियों में रह हैं। पताही प्रखंड में कभी दस बजे रात्रि में बच्चों के निवाला का चावल पहुंचाकर खेल होता है, तो कभी स्कूल के बदले कालाबजारी में पहुंच जाता है।

आखिर पताही गोदाम मैनेजर ने बिना डिलीवरी बॉय के रिसीव के ही पांच विद्यालयों का चावल स्कूल में कैसे भेज दिया गया? इसके पूर्व में संवेदक के बिना शिक्षा विभाग से कागजात वेरिफाई कराए उठाव कैसे किया गया था? 3 बजे के बाद इसके पूर्व MDM का चावल स्कूल में वितरण के लिए कैसे भेज दिया गया? बच्चों के निवाला में खेल के दो दो मामला पताही गोदाम से आने के बाद भी गोदाम प्रबंधक पर कार्रवाई नहीं होना अपने आप में एक बड़ा सवाल है। परिवहन अभिकर्ता के पत्र से गोदाम प्रबंधक भी सवालों के घेरे में है, लेकिन दबी जुबान लोग यह कहते नहीं थक रहे कि गोदाम प्रबंधक की पकड़ इतनी मजबूत है कि उसपर कोई करवाई नही हो सकता।

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