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केके पाठक के जबरा फैन से मिलिए: उम्र 10 साल..सरकारी स्कूलों में तबले की थाप पर पाठक जी का गा रहे गुणगान

केके पाठक के जबरा फैन से मिलिए: उम्र 10 साल..सरकारी स्कूलों में तबले की थाप पर पाठक जी का गा रहे गुणगान

GAYA : बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पिछले कई महीनो से अपने नित्य नए नियमों को लेकर चर्चा में है. चर्चा में इसलिए हैं कि वह नए नियमों को सख्ती से लागू भी करवा रहे हैं. ऐसे में शिक्षको में हड़कंप है, विरोध भी होते रहे हैं. किंतु इसके बीच गया में केके पाठक का जबरा फैन भी है. यह नन्हा जबरा फैन महज 10 साल का है और तबला बजाते हैं.

बोधगया का रहने वाला शाश्वत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का जबरा फैन है. उम्र 10 साल की है. यह तबला बजाते हैं. इन दिनों वह केके पाठक का गुणगान कर रहे है. केके पाठक के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना इनके द्वारा की जा रही है. सरकारी स्कूलों में पहुंचकर केके पाठक के कार्यों को इसके द्वारा गुणगान कर बताया जा रहा है. बोधगया के रहने वाले शाश्वत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक से काफी प्रभावित है. प्रभावित इतने हैं, कि उनके जबरदस्त फैन हैं. इस जबरदस्त फैन बनने के पीछे केके पाठक द्वारा बिहार में शिक्षा को लेकर किए गए कार्य बताते हैं. फिलहाल में शाश्वत ने केके पाठक पर गाने- गीत लिखे हैं. इन गीतों को लोगों तक पहुंचा भी रहे हैं. केके पाठक के जबरा फैन शाश्वत सरकारी स्कूलों में भी पहुंच रहे और उनका गुणगान कर रहे हैं.

बोधगया के शाश्वत मशहूर तबला वादक भी हैं. काफी नन्ही उम्र में ही उनकी उंगलियां तबले पर जादू करती है. इसके तबले की थाप सुुनकर लोग मंत्रमुग्ध रह जाते हैं. किंतु फिलहाल में इसकी उंगलियां तबले पर केके पाठक का गुणगान कर रही है. इतना ही नहीं तबले की थाप पर ही शाश्वत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक का गाना गाकर गुणगान कर रहे हैं. शाश्वत केके पाठक से इतने प्रभावित हैं, कि इन्होंने कई गाने भी लिख डाले हैं. उनके लिए लिखे गाने तबले की थाप पर सरकारी स्कूलों के बच्चों- शिक्षकों को सुनाते हैं. केके पाठक का गुणगान के साथ-साथ बच्चों को रोज स्कूल जाने के लिए प्रेरित भी करते हैं. स्कूलों में बच्चे -शिक्षक बड़े चाव से सुनते हैं. सुनने के बाद तालियां बजा प्रशंसा भी करते हैं. यह न सिर्फ केके पाठक का गुणगान करता है, बल्कि बच्चों को प्रतिदिन स्कूल जाने की प्रेरणा भी देता है. वही अपील करता है कि बच्चे और शिक्षक केके पाठक के निर्देशों को फॉलो करें.

नन्हे जबरा फैन शाश्वत के केके पाठक पर लिखे कई गाने गाते हैं. इन गानों में केके पाठक का गुणगान होता है. बच्चों- शिक्षकों से अपील होती है, केके पाठक के निर्देशों को फॉलो करने की. उनके गानों में पाठक जी का कहना मानो, बिहार में गौरवशाली शिक्षा वापस लाए हैं, पढ़ना लिखना रोज तुम जैसे कई गाने जो खुद शाश्वत ने लिखे हैं, वह तबले की थाप पर सरकारी स्कूलों में पहुंचकर गाता है और इस तरह से केके पाठक के जबरा फैन के रूप में उनका गुणगान करता है. बड़ी बात यह है कि जब शाश्वत गाना शुरू करता है, तो छात्र और शिक्षक भी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और केके पाठक से संबंधी शाश्वत द्वारा तबले की थाप पर गाए जा रहे हैं गीत- गानों को बड़े चाव से सुनते हैं. इतना ही नहीं जब गुणगान खत्म होता है तो शाश्वत को ताली बजाकर बधाई भी देते हैं.

इस संबंध में नन्हा तबला वादक शाश्वत बताता है कि केके पाठक जी का जबरदस्त फैन है. उन्होंने बीपीएससी समेत और एग्जाम ली, बहालियां निकाली है. टीचर की समस्याएं कम हुई है. बच्चों को आगे बढ़ता देखना चाहते हैं. मैं तबला वादक हूं. अपनी कला के माध्यम से केके पाठक का गुणगान कर रहा हूं. केके पाठक का मैं फैन इसलिए हूं, कि वह नित्य नए-नए काम कर रहे हैं, निर्देश दे रहे हैं, जो सही है. उन्होंने बिहार में गौरवशाली शिक्षा को वापस लाया है. इससे वह काफी प्रभावित हुए हैं. इसी को लेकर उन्होंने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर गाने लिखे. कई गाने लिखे हैं,, जिसमें पाठक जी का कहना मानो चर्चा हो रही है, पाठक जी बिहार में गौरवशाली शिक्षा वापस लाए हैं.. जैसे गाने हैं. इन गानों को उनके द्वारा सरकारी स्कूलों में गाया जा रहा है. तबले की थाप पर मेरे गाए गाने को सुनकर विद्यालय के सभी खुश रहे हो रहे हैं. बच्चे शिक्षक सब सराहना कर रहे हैं. केके पाठक सही है. उनको फॉलो किया जाना चाहिए. शाश्वत कहता है कि वास्तव में केके पाठक ने बिहार में गौरवशाली शिक्षा को वापस लाया है.

नन्हा बालक शाश्वत मशहूर तबला वादक है. यह अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव, झारखंड महोत्सव समेत कई कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुका है. कई पुरस्कार भी इसने पाए हैं. तबला वादन में अपनी प्रतिभा दिखा रहा है, तो इसके बीच अपनी प्रतिभा के साथ उसने केके पाठक के गुणगान के गाने भी लिखे हैं और उसे सरकारी विद्यालयों में गाकर केके पाठक का गुणगान कर रहा है. वही बच्चों को भी शिक्षा के प्रति प्रेरित कर रहा है. रोज स्कूल जाने की बात की प्रेरणा तबले की थाप के बीच गाना गाकर देता है.

गया से मनोज की रिपोर्ट

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