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भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बैठक, जानिये एफटीए क्या है और क्या होगा भारत को फायदा

भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर बैठक, जानिये एफटीए क्या है और क्या होगा भारत को फायदा

Desk. भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते के लिए आज दिल्ली में दोनों देशों के प्रतिनिधि की बैठक हुई. इसमें 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का निर्णय लिया गया है. वहीं इसके लिए पहले दौरे की वार्ता 17 जनवरी से शुरू होगी. साथ ही इसके लिए दोनों देशों को बीच भविष्य में अगले प्रत्येक पांच सप्ताह में बैठक होंगी.

भारत को ये होगा पायदा

वहीं यूके के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौते होने से चमड़ा, कपड़ा, आभूषण और प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों में निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है. इसका सीधा फायदा भारत को होगा. साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार प्रतिबंधों के हटने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में वृद्धि होगी. भारत एक उभरता हुआ बाजार है. वहीं ब्रिटेन के पास धन ज्यादा है. ऐसे में दोनों देशे के बीच व्यापार सुदृढ़ होने से आर्थिक प्रगति होगी.

ब्रिटेन की भी है नजर

ब्रिटेन ने ब्रेक्सिट को छोड़ने के बाद यूरोप में अलग थलग पड़ गया है. इसके बाद ब्रिटेन ने अपनी व्यापार प्राथमिकताओं में भारत को चुना है. साथ ही भारत के साथ व्यापार समझौता किया है. ब्रिटेन यूरोपीय संघ की आम व्यापार नीति से मुक्त तथा भारत-प्रशांत क्षेत्र के आसपास तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं को देखते हुए अपनी व्यापार नीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं.

क्या है मुक्त व्यापार समझौता

मुक्त व्यापार समझौता एक ऐसे समझौता है, जिसके तहत आयात निर्यात पर कोई भी टैक्स नहीं लगता है. यह दो देश या दो से अधिक देशों और समूहों के बीच होता है. भरात ने सबसे पहले पूर्वी एशिया के देश के साथ मुक्त व्यापार समझौता किया था. उस दौरान भारत लूक एट ईस्टी की नीती पर चल रही थी. इसके बाद भारत ने अशियान और सार्क के देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौता किया था.

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने मुक्त व्यापार समझौते के लिए यूके के वीजा प्रतिबंधों में छूट की मांग की है, तो इस पीयूष गोयल ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं कि संवेदनशील मुद्दे हमारी प्राथमिकता नहीं हैं. दोनों पक्षों की ओर से ऐसी कोई मांग नहीं है, जो पूरी तरह से डील-ब्रेकर हो

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