GAYA : करबला से 7 मोहर्रम को 1 बजे रात में हज़रत क़ासिम अलैहिसलाम के याद मे मेहंदी निकाली गई. जिसमें भारी तादाद में लोगों ने शिरकत की. मेहंदी का ज़ियारत करने के लिए बिहार ही नहीं झारखंड, यूपी और बंगाल से काफी संख्या मे ज़येरिन शामिल हुए.
हिंदुस्तान में मेहंदी 7 मोहर्रम को सिर्फ़ गया करबला से ही निकलती है. मेहंदी हज़रत क़ासिम अलैहिसलाम की याद मे निकाली जाती है. क्यूंकि जंग मे जाने से पहले की रात वे दूल्हा बने थे और दूसरे दिन ज़ालिमों ने उन्हे शहीद कर दिया. करबला से मेहंदी पंचायती अखाड़ा, मोरियाघाट, किरण सिनेमा होते हुए के॰पी रोड जाती जाती है और वापस जीबी रोड होते हुए करबला में आखिरी रसोमत अदा किया जाता है.
मेहंदी मे काफी तादाद मे आये लोग अपने मनोकामना के लिए हाथ और चिल्ला बन्धाते हैं और इन सब अक़ीदतमदों के लिए डॉ सयेद शाह शब्बीर आलम दुआ करते हैं. मेहंदी का जुलूस ईमाम बाड़ा ट्रस्ट बोर्ड के सदस्यों के रह्नुमाई में अमल में आता है.
गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट