पटना. देश के अलग अलग राज्यों में लोगों के जीवन जीने की आयु भी भिन्न भिन्न है. हालिया जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों की औसत उम्र पिछले 10 साल में दो वर्ष बढ़ गयी है. सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक भारतीयों की औसत आयु बढ़कर 69.7 वर्ष हो गई है जो दस साल पहले करीब 67 साल थी. वहीं बिहार और झारखंड को लेकर जारी आंकड़ों में कहा गया है कि दोनों राज्यों में महिलाओं की तुलना में पुरुषों की आयु अधिक लंबी है. बिहार-झारखंड में जहाँ महिलाओं की औसत आयु 68.8 वर्ष है वहीं पुरुषों की औसत आयु 70.2 वर्ष है.
सबसे ज्यादा लंबी उम्र जीने वाले राज्यों में दिल्ली की जीवन प्रत्याशा 75.9 साल है जो देश में सबसे ज्यादा है. इसके बाद केरल, जम्मू और कश्मीर का नंबर आता है. छत्तीसगढ़ की जीवन प्रत्याशा देश में सबसे कम है. सबसे कम जीवन प्रत्याशा वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश का नंबर दूसरा है. यूपी की जीवन प्रत्याशा 65.3 साल है. वहीं झारखंड में जीवन की औसत आयु 79.4 साल है.
दरअसल, 1970-75 में भारत की जन्म के समय प्रत्याशा दर 49.7 साल थी. अगले 45 साल के दौरान इसमें करीब 20 साल का इजाफा हुआ. 2015-19 के आंकड़ों में भारत की जीवन प्रत्याशा 69.7 वर्ष हो गई है. महिलाओं और पुरुषों की जीवन प्रत्याशा में अंतर बढ़ा है. यूपी के मामले में 1970-75 में यूपी की जीवन प्रत्याशा सिर्फ 43 साल थी. यानी इसमें 22.6 साल का इजाफा हुआ है.
हिमाचल प्रदेश की शहरी महिलाओं में जन्म के समय जीवन प्रत्याशा देश में सबसे ज्यादा (82.3 साल) है. दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ में ग्रामीण पुरुषों की जीवन प्रत्याशा सिर्फ 62.8 साल है. असम के शहरी और ग्रामीण इलाकों की जीवन प्रत्याशा में करीब 8 साल का फर्क है. हिमाचल प्रदेश में यह अंतर 5 साल है. केरल देश का इकलौता ऐसा राज्य है जहां गांवों की जीवन प्रत्याशा पुरुषों और महिलाओं, दोनों में शहरों से ज्यादा है. उत्तराखंड में महिलाओं की जीवन प्रत्याशा पुरुषों से ज्यादा है. 45 सालों के दौरान, ओडिशा ने जीवन प्रत्याशा में सबसे ज्यादा 24 साल जोड़े. वहां की जीवन प्रत्याशा 69.8 हो गई है. तमिलनाडु दूसरे नंबर पर रहा जहां की जीवन प्रत्याशा 45.7 से बढ़कर 72.6 हो गई. बिहार और झारखंड देश के वे दो राज्य हैं जहां पुरुषों की जीवन प्रत्याशा महिलाओं से ज्यादा है, शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों में पुरुष की आयु महिलाओं से ज्यादा लंबी है.
वहीं शिशु मृत्यु दर के मामले में मध्य प्रदेश पहले पायदान पर है. 0 से पांच साल आयु वर्ग में शिशु मृत्यु दर मध्य प्रदेश जहां 43 है वहीं दूसरे पायदान पर उत्तर प्रदेश है. उत्तर प्रदेश में देश की दूसरी सबसे ज्यादा IMR (38) है, पहला साल पूरा होने के बाद जीवन प्रत्याशा में सबसे ज्यादा उछाल (3.4) देखने को मिलता है.