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मेवालाल की सेवा समाप्त,कहा- मुख्यमत्री की छवि पर आंच नहीं आये इसलिए दिया इस्तीफा,पाक-साफ होकर लौटूंगा

मेवालाल की सेवा समाप्त,कहा- मुख्यमत्री की छवि पर आंच नहीं आये इसलिए दिया इस्तीफा,पाक-साफ होकर लौटूंगा

PATNA: बिहार मंत्रइमंडल में मेवालाल की सेवा समाप्त हो गई है। शिक्षा मंत्री की कुर्सी छीनने पर घोटाले के आरोपी जेडीयू विधायक मेवालाल चौधरी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सच्चे सिपाही हैं ।हम नहीं चाहते थे कि मेरी वजह से मुख्यमंत्री की छवि पर किसी तरह की कोई आंच आए. इसलिए हमने खुद ही इस्तीफा दिया है.कुर्सी गंवाने वाले घोटाला के आरोपी मेवा लाल ने कहा कि वे जब तक पाक साफ नहीं हो जाते वह पद पर नहीं रहेंगे।

मंत्री पद गंवाने के बाद अपने विस क्षेत्र के लिए निकले मेवालाल

लेकिन मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाने के बाद नीतीश कुमार के दामन पर जो दाग लगे थे उसे मिटाने को लेकर इस्तीफा दिलाई गई लेकिन कहीं न कहीं इस प्रकरण से सीएम नीतीश की यूएसपी पर सवाल जरूर खड़े हुए हैं। मेवालाल चौधरी भले ही यह कह रहे हों कि मेरी वजह से नीतीश जी की छवि पर आँच आये हम यह नहीं चाहेंगे। लेकिन मंत्री पद जाने की टेंशन और नीतीश कुमार की छवि पर जो सवालिया निशान लगे उसका असर  मेवालाल के चेहरे पर साफ साफ दिख रहा था। नियुक्ति घोटाले के आरोपी मेवालाल सिर्फ इतना कहकर अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए निकल गए ।

मेवालाल पर घोटाले के गंभीर आरोप

बता दें, विधायक मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और निगरानी जांच ब्यूरो ने केस दर्ज कराया था .तारापुर से सत्ताधारी जेडीयू के विधायक मेवालाल चौधरी 2010-15 के बीच में सबौर कृषि विवि में वाइस चांसलर थे। 2015 में ही ये जेडीयू के टिकट पर विधायक बन गए। वतौर वीसी रहते इन पर जूनियर वैज्ञानिक की बहाली में धांधली और भवन निर्माण में घपला के गंभीर आरोप हैं। मामला सामने आने के बाद बिहार में काफी हाय-तौबा मची थी। बिहार में नीतीश सरकार की फजीहत होने के बाद इस मामले की निगरानी ब्यूरो से जांच कराई गई। निगरानी ब्यूरो की जांच में आरोप प्रमाणित हुए इसके बाद मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर थाने में भी 2017 में केस दर्ज हुआ था. जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमा दर्ज है। इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है।

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