प्रवासी मतदाताओं को मिलेगी बड़ी सुविधा : घर से दूर रहने वाले भी अब कर सकेंगे मतदान, चुनाव आयोग ने बना ली खास मशीन

पटना. अपने घर से दूर रहने के कारण वोट नहीं डाल पाने वाले मतदाता अब इस चिंता से मुक्त हो जाएंगे. यानी अगर कोई मतदाता मतदान के समय अपने इलाके में नहीं है तो वह अब कहीं से भी वोट डालने के सपने को साकार कर सकता है. इसके लिए चुनाव आयोग ने बड़ी पहल की है जिससे घरेलू प्रवासी मतदाताओं का वोट डालना अब आसान हो जाएगा. दरअसल, चुनाव आयोग ने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए दूरस्थ ईवीएम का प्रोटोटाइप विकसित किया, यह एकल बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों में दूरस्थ मतदान को नियंत्रित कर सकता है. चुनाव आयोग ने 16 जनवरी को घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए रिमोट EVM का शुरुआती मॉडल दिखाने के लिए सभी दलों को आमंत्रित किया है. वहीं इसे लागू करने के लिए कानूनी और प्रशासनिक चुनौतियों पर पार्टियों के विचार भी मांगे गए हैं.

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा युवाओं और शहरी वोटर्स की उदासीनता पर विचार किया गया. चुनावी लोकतंत्र में इनकी भागीदारी को मजबूत करने के लिए रिमोट वोटिंग एक क्रांतिकारी बदलाव होगा. पब्लिक सेक्टर के बनाई गई मल्टी कॉन्सिट्यूएंसी रिमोट ईवीएम एक सिंगल रिमोट पोलिंग बूथ से 72 निर्वाचन क्षेत्रों को संभाल सकती है. यानी एक ही बूथ से ही अलग अलग 72 निर्वाचन क्षेत्रों के मतदाता मतदान कर सकेगें. 

आयोग ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में वोटर टर्नआउट 67.4 प्रतिशत था. उस समय 30 करोड़ से ज्यादा मतदाता तब मताधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे. इसी समस्या का समाधान करने के लिए चुनाव आयोग ने दूरस्थ मतदताओं को मतदान सुनिश्चित करने के लिए ईवीएम का प्रोटोटाइप विकसित किया है. इसमें न सिर्फ 16 जनवरी को राजनीतिक दलों को इसे दिखाया जाएगा बल्कि दलों से 31 जनवरी 2023 तक लिखित मंतव्य देने का भी अनुरोध किया है. यानी इससे जुड़ी चुनौतियों और सुझाव को राजनीतिक दलों को देना होगा.

सभी प्राप्त फीडबैक के आधार पर पर प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के अवलोकन के बाद इसे क्रियान्वित करने पर निर्णय लिया जाएगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि कई मतदाता जगह बदलने के बाद दूसरी जगह वोटिंग रजिस्ट्रेशन नहीं कराते है. इससे वे मतदान से वंचित रह जाते हैं. इसलिए रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन RVM का प्लान बनाया गया. उसी के अनुरूप नई मशीन विकसित की गई है. हालांकि इसमें कई प्रकार की चुनौतियों को भी देखा जा रहा है. जैसे किसी निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता कहां प्रवासित है? उनकी कुल संख्या कितनी है? साथ ही उन्हें किस प्रकार से अपना घरेलू प्रवासी मतदान के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा? इन तमाम चुनौतियों का समाधान कैसे होगा इसे निर्वाचन आयोग 16 जनवरी को विस्तार पूर्वक बता सकता है.