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लेह-लद्दाख में फंसे 60 प्रवासियों को किया गया एयरलिफ्ट, मुख्यमंत्री सोरेन से ट्वीट कर लगाईं थी गुहार

लेह-लद्दाख में फंसे 60  प्रवासियों को किया गया एयरलिफ्ट, मुख्यमंत्री सोरेन से ट्वीट कर लगाईं थी गुहार

RANCHI: कोरोना महामारी के कारण भारत में चौथे लॉकडाउन का फैसला केंद्र सरकार ने पहले ही ले लिया है. ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी पुरे देश में इधर-उधर फंसे प्रवासी मजदूरों को हो रही है. मजदूर अपने घर से दूर है और खाने के लिए पैसे तक नहीं है. सडको पर मजदूरों की भारी भीड़ है.

 वे हाजरो किलोमीटर पैदल चल के घर जाने को मजबूर है. लेकिन झारखंड सरकार इस बीच मजदूरों को घर पहुंचाने के  लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है. आपको बता दें की  लेह-लद्दाख में फंसे झारखंड के 60 प्रवासी श्रमिकों को एयर लिफ्ट कर शुक्रवार को रांची लाया गया.

रांची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से बाहर निकलने पर प्रवासियों ने उनकी वापसी के लिए किए गए सरकार के प्रयासों की सहाहना की। सरकार की ओर से मजदूरों को एयरलिफ्ट करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य बन गया है, क्योंकि इसका पूरा खर्च राज्य सरकार ने वहन किया है.

लद्दाख  से लौटने वाले सभी श्रमिक दुमका के रहने वाले हैं. वे बटालिक- कारगिल सेक्टर में बीआरओ प्रोजेक्ट में काम करते थे. कोरोना के कारण 24 मार्च को अचानक लॉकडाउन में वही फंस गये थे .  गौरतलब हो की इनलोगों ने वापसी के लिए मुख्यमंत्री से ट्विटर पर  गुहार लगाई थी।

 तब मुख्यमंत्री ने लद्दाख संघ के स्थानीय प्रशासन से मदद का आग्रह किया था. सीएम के अनुरोध के बाद बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन की ओर से इन मजदूरों को नियमित भोजन दिया गया.  इस बीच केंद्र सरकार की ओर से देश में घरेलू विमान सेवा शुरू हुई. इसके बाद सीएम व्यक्तिगत रूप से श्रमिकों की वापसी में जुटे. 

लद्दाख प्रशासन और बीआरओ की मदद से 28 मई की दोपहर सभी श्रमिकों की जांच के बाद छह घंटे की बस यात्रा से लेह के यात्री शिविर पहुंचाए गए. यहां से सभी को विमान से पहले दिल्ली फिर रांची पहुंचाया गया.


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