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विदेशों में नौकरी करने का संजोय सपने के चक्कर मे गवां दिए लाखो रुपयेऔर फिर गया 45 लोगों के सपने पर पानी

विदेशों में नौकरी करने का संजोय सपने के चक्कर मे गवां दिए लाखो रुपयेऔर फिर गया 45 लोगों के सपने पर पानी

PATNA : विदेश में नौकरी लगाने के नाम पर एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया हैं, जिसमें फंसकर 45 से अधिक लोगों ने अपनी जमा पूंजी गंवा दी है। पूरे मामले में पीड़ितों ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया है। जिसके बाद पुलिस ने कबूतरबाजी में शामिल लोगों के खिलाफ छानबीन शुरू कर दी है। 

मामले में बताया गया कि फ्रेजर रोड स्थित डुमरांव पैलेस में GVM नाम की कंपनी दुकान संख्या L 11 ,L12और L13 में अपना ऑफिस चलाती थी। जहां कंपनी की तरफ से लोगों को विदेश में नौकरी देने की बात कही जाती थी। ठगी के शिकार युवकों ने बताया कि एक युवक से 15 से 20 हजार रुपए लिए गए थे। कंपनी ने उन लोगों का पासपोर्ट भी रख लिया। कंपनी वादा किया था कि वीजा बनवाकर उनलोगों को विदेशाें में नौकरी लगवा देगा। लेकिन जब न वीजा मिला और न पैसा तो युवकों ने शिकायत दर्ज कराई।

ऑफिस में लगा दिया ताला

ठगी के शिकार लोगों की शिकायत पर जब कोतवाली पुलिस कार्रवाई करने के लिए ऑफिस पहुंची तो वहां पहले से ताला बंद था। अब पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। जिस खाते पर यूपी और बिहार के युवकों ने पैसा भेजा है उस खाते को भी खंगाला जा रहा है। ऐसे तीन बैंक खाते की जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस संबंधित बैंक से भी जल्द ही इसके बारे में संपर्क करेगी। पुलिस का कहना है कि संबंधित खाते को फ्रीज कराया जाएगा।  साथ ही कोतवाली थाना कबूतरबाजों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करना शुरू कर दिया है।

दिल्ली में बैठा है मास्टरमाइंड

पूरा मामला कबूतर बाजी में ठगी का  नजर आ रहा है. जिसमें लोगों से मोटी रकम लेकर विदेशो में नौकरी लगाने का लोगों को प्रलोभन देकर जाल में फंसा कर मेहनत की गाढ़ी कमाई लेकर फरार हो जाते हैं और लोगों के संजोय सपना पर पानी फिर जाता है। इस मामले में नियोजन भवन स्थित प्रोटेक्टर ऑफ इमिग्रेंट बिहार-झारखंड के रितेश राज ने कोतवाली थाने में जीवीएम मैनपावर कंपनी के डायरेक्टर मिथिलेश पांडेय, शीतल वर्मा, नीतू झा, कविंद्र कुमार, सौरभ कुमार, दीक्षा सिंह सहित 15 लोगों पर केस दर्ज कराया है। जालसाज गिरोह का मास्टरमाइंड दिल्ली में बैठा हुआ है। यहां उसने अपना दफ्तर खोल दिया था और लोगों को ठगी करने के लिए नौकरी पर रखा था। 

नियोजन विभाग से निबंधित नहीं थी कंपनी 

पुलिस ने बताया कि कोई भी कंपनी अगर विदेशों में मैनपावर का सप्लाई करता है तो उसे पहले नियोजन विभाग से निबंधन कराना होगा। निबंधन संख्या मिलने के बाद ही कोई कंपनी विदेशों में मैनपावर का सप्लाई कर सकता है। जीवीएम मैनपावर नियोजन विभाग से निबंधित नहीं है। ऐसे में पुलिस यह मान रही है कि कंपनी का उद्देश्य बेरोजगार युवकों से ठगी का ही था। इसी तरह का एक मामला बीते फरवरी में आ चुका है।



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