DARBHANGA : मिथिला स्टूडेंट यूनियन के द्वारा जटाशंकर चौधरी हत्याकाण्ड को लेकर किये गए फर्जी एफआईआर के खिलाफ एमएसयू के दर्जनों सेनानी कर्पूरी चौक से लहेरियासराय थाना तक पैदल मार्च किया गया। वहीँ छात्र अपनी गिरफ़्तारी देने लहेरियासराय थाने पर पहुंचे। इस बाबत एमएसयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमन सक्सेना ने कहा की दरभंगा शहर में अपराधी बेलगाम हो चुके हैं। लोगों को जिंदा जलाया जा रहा हैं। बीच सड़क पर पैसा छीनकर गोली से भून दिया जाता हैं। जब लोग प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाते हैं और न्याय की मांग करते हे तो पहले आवाज उठाने वाले को लाठीयों से बुरी तरह से पिटा जाता हैं। इसके बाद आंदोलन में शामिल लोगों का नाम एफआईआर में डाल दिया जाता हैं। ताकि न्याय की कोई कल्पना भी नहीं कर सके। हमारे 26 सेनानियों पर फर्जी एफआईआर किया गया जो 30 मार्च को आंदोलन में किसी तरह से भी शामिल नहीं थे।
इसी का विरोध करने के लिए हमलोग लहेरियासराय थाना को गिरफ़्तारी देने आए हैं और शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे हैं। 40-50 के तादाद में सेनानी कड़ी धुप में अपनी मांगो के समर्थन वाले पोस्टर के साथ कर्पूरी चौक से बेंता लहेरियासराय टावर होते हुए लहेरियासराय थाने के आगे जाकर धरना के रूप में शांतिपूर्ण तरिके से बैठ गए। जिसके बाद धरना को एमएसयू के दरभंगा जिलाध्यक्ष वीरेंदर कुमार, जिला परिषद धीरज कुमार झा, अमित कुमार ठाकुर, पूर्व दरभंगा जिलाध्यक्ष अभिषेक कुमार झा ने सम्बोधित किया। जिसके बाद 5 सदस्यीय टीम में दरभंगा जिलाध्यक्ष समेत जिला पार्षद अमित कुमार ठाकुर धीरज कुमार झा अमन सक्सेना सुमित माऊबेहटिया उदय नारायण झा वार्ता करने के लिए थानाध्यक्ष एच एन सिंह से मिले। जहाँ पर थानाध्यक्ष एच एन सिंह ने कहा की प्रशासनिक दबाब के कारण एफआईआर किया गया हैं। संगठन के लोगों को चिन्हित कर नाम एफआईआर में डाला गया हैं। सवाल पूछने पर किसके कहने पर एफआईआर किया गया। नाम बताने से इंकार कर दिया गया। हालाँकि थानाध्यक्ष के द्वारा आश्वासन दिया गया हैं की दो दिनों के बाद दरभंगा डीएसपी के साथ संगठन के लोगों का वार्ता करवाया जाएगा। जो भी सदस्य इस आंदोलन में शामिल नहीं होंगे। सभी का नाम एफआईआर से हटा दिया जाएगा। जटाशंकर चौधरी के हत्यारे को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। जिसके बाद आंदोलन को समाप्त किया गया। लगभग 4 घंटे तक चले इस आंदोलन में एमएसयू सेनानी काफी आक्रोशित दिखे।
कुसेश्वरस्थान से क्योटी से बहादुरपुर से सदर से हायाघाट से सेनानी आंदोलन में आकर सिर्फ एक सवाल कर रहे थे। जब हम आंदोलन में शामिल नहीं थे तो हमारा नाम एफआईआर में क्यू डाला गया हैं। कहा इसके पीछे राजनितिक साजिस हैं। हमारे मुख्य सेनानियों को टारगेट किया जा रहा हैं। ताकि विरोध के स्वर को हमेशा के लिए दबा दिया जाए। लेकिन हम मिथिला स्टूडेंट यूनियन के सदस्य हैं। लाठी और एफआईआर से डरने वाले नहीं हैं। अगर न्याय की मांग करना गुनाह हे तो हम ऐसा गुनाह करते रहेंगे। एमएसयू सेनानी 3 मांग पर अडिग थे। जिसमे जटाशंकर चौधरी के हत्यारे की गिरफ़्तारी, फर्जी एफआईआर वापस किया जाए। साथ ही आगे से कोई भी एफआईआर किया जाए तो पहले इसकी जाँच की जाए। जिसपर लहेरियासराय थाना ने सहमति दिखाया और दो दिनों के बाद डीएसपी से मिलकर एफआईआर समाप्त करने को लेकर एक बैठक का भी आयोजन किया गया। जिसके बाद आंदोलन समाप्त की घोषणा हुई। इस आंदोलन में एमएसयू के संस्थापक सदस्य अनूप मैथिल, पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता विद्या भूषण राय, कृष्णा मोहन झा, भरत महापात्र, संजय जी, राज पासवान, अभिषेक कुमार, जय प्रकाश झा, लीलाधर कुमार, नवीन सोनी अर्जुन कुमार अविनाश सहनी किशन झा नारायण मिश्रा अमित मिश्रा ब्रजेश कुमार विनय कुमार झा राजेश आज़ाद राजा बाबू झा सुदर्शन झा रोहित मिश्रा अमित राज रोहित तिवारी आदित्य मण्डल विक्की कुमार विकाश मैथिल संधीर कुमार नीरज भारद्वाज चंदू मिश्रा अनीश चौधरी अभिजीत कश्यप शिवम् कुमार उज्ज्वल मिश्रा गौतम कुमार समेत पीड़ित जटाशंकर चौधरी परिवार के भी कई लोग मौजूद रहे।
दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट