PATNA: महागठबंधन में मिथिलांचल की लोकसभा सीटों पर सियासत जारी है. सबसे ज्यादा लड़ाई मिथिलांचल के दरभंगा लोकसभा सीट को लेकर है. एक ओर कांग्रेस जहां इस सीट पर अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं है तो दूसरी तरफ आरजेडी को भी हर हाल में दरभंगा सीट चाहिए. एक तरफ कांग्रेस कीर्ति झा आजाद को लड़ाना चाहती है तो वहीं दूसरी तरफ आरजेडी फातमी को मैदान में उताराना चाहती है. इन सबके के बीच दरभंगा में चर्चा इस बात कि चर्चा है कि क्या इस बार राजनैतिक तौर पर मिथिलाचंल ब्राह्मण विहीन हो जाएगा.
आपको बता दे मिथिलांचल में तीन लोकसभा सीट मधुबनी, झंझारपुर और दरभंगा में झंझारपुर का सियासी इतिहास भी काफी रोचक रहा है. ऐसे मैं एक कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि ब्राह्मण कोटा को पूरा करने और दरभंगा के बदले झंझारपुर सीट से सेटलमेंट किया जाए. इसलिए राजन तिवारी को मैदान में उतारा जा सकता है लेकिन राजन तिवारी के अपराधी छवि होने के कारण शायद ही ब्राह्मण सुमदाय राजन तिवारी को स्वीकार करे.
दूसरी तरफ एक तस्वीर ये भी है कि वहां से विधायक गुलाब यादव और पत्रकार राजीव मिश्रा भी लोकसभा पहुंचना चाहते हैं. यदि राजीव मिश्रा की बात करें तो वो भी इलाके में काफी जाने पहचाने चेहरें हैं. राजीव मिश्रा की साफ छवि और ब्राह्मण होना उनकी दावेदारी को मजबूत करता है. वहीं दूसरी तरफ गुलाब यादव जो कि आरजेडी से झंझारपुर के विधायक भी और तेजस्वी यादव के खास हैं. यदि झंझारपुर सीट की बात करें तो गुलाब यादव भी पूरा दमखम लगाए हुए हैं. इलाके में अपनी दावेदारी पक्की होने की बात भी कह रहे हैं. दरभंगा सीट को आरजेडी छोड़ना नहीं चाहती वहीं झंझापुर का भी सियासी समीकरण कुछ ठीक ठाक बैठ नहीं रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या मिथिलांचल ब्राह्मण विहीन हो जाएगी.