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विधायक जिग्नेश मेवाणी की और बढ़ गई मुसीबत, कोर्ट ने सुना दी जेल की सजा, जानिए क्या है मामला

विधायक जिग्नेश मेवाणी की और बढ़ गई मुसीबत, कोर्ट ने सुना दी जेल की सजा, जानिए क्या है मामला

DESK. जिग्नेश मेवाणी की मुश्किलें कम नहीं हो रही है. एक के बाद एक वे कई मामलों में कानूनी पचड़ों में फंसते नजर आ रहे हैं. इसी क्रम में साल 2017 में बिना इजाजत रैली करने के मामले में गुजरात  की महेसाणा कोर्ट ने जिग्नेश मेवाणी को बड़ा झटका दिया है। एनसीपी नेता रेशमा पटेल और सुबोध परमार के साथ-साथ जिग्नेश मेवाणी को तीन महीने की जेल और एक-एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इस मामले में कुल 12 लोगों को सजा हुई है। पांच साल पहले के इस केस में अदालत ने तीनों को दोषी पाया है। इन पर रैली के दौरान सरकारी नोटिफिकेशन का उल्लंघन का आरोप लगाया गया था।

मेहसाणा कोर्ट ने 2017 की स्वतंत्रता मार्च रैली को लेकर अपना फैसला सुनाया। सजा सुनाते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेए परमार ने कहा कि देश में रैली करना कोई अपराध नहीं है, लेकिन बिना इजाजत रैली करना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट कभी भी अपने आदेश की अवहेलना बर्दाश्त नहीं करेगा। 

वहीं, इस फैसले के बाद रेशमा पटेल ने कहा कि हम अदालत के आदेश का पूरी तरह सम्मान करते हैं, लेकिन बीजेपी के राज में न्याय मांगना भी अपराध ही है। भाजपा कानून का डर दिखा हमारी आवाज को कभी भी दबा नहीं सकती। न्याय के लिए हमारी लड़ाई हमेशा जारी थी, है और आगे भी रहेगी।

यह मामला 12 जुलाई 2017 का है। जब जिग्नेश मेवाणी और कन्हैया कुमार की अगुआई में बड़ी संख्या में लोग ऊना में कोड़े मारने की घटना की पहली बरसी पर स्वतंत्रता मार्च निकाला था। मेहसाणा जिला प्रशासन ने पहले तो इस रैली की परमीशन दी थी लेकिन बाद में प्रशासन ने यह अनुमति रद्द कर दी थी। लेकिन जिग्नेश मेवाणी और अन्य लोग नहीं माने और रैली लेकर निकले। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ IPC की धारा 143 के तहत गैरकानूनी मार्च करने का केस दर्ज किया था।


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