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MNPF ने ली सात जवानों के मारे जाने की जिम्मेदारी, कर्नल के परिवार के मारे जाने पर जताया शोक, कहा - उनके होने की नहीं थी जानकारी

MNPF ने ली सात जवानों के मारे जाने की जिम्मेदारी, कर्नल के परिवार के मारे जाने पर जताया शोक, कहा - उनके होने की नहीं थी जानकारी

DESK : मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट में असम राइफल्स के जवानों पर हुए हमले की जिम्मेदारी Manipur Naga People's Front (MNPF)  ने  ली है। MNPF ने घटना को लेकर एक नोट जारी किया है, जिसमें हमले की पूरी जानकारी दी गई है। साथ ही हमले में मारे कर्नल विप्लव त्रिपाठी, उनकी पत्नी अनुजा और बेटे अबीर त्रिपाठी की मौत पर शोक जाहिर किया है। MNPF ने अपने नोट में लिखा है हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उस समय कर्नल का परिवार भी वहां मौजूद था।

परिवार के साथ नहीं आने की दी नसीहत

अपने नोट में MNPF ने लिखा है जवानों को नसीहत दी है वे संवेदनशील इलाकों में परिवार को साथ लेकर ना आए. कहा गया है कि जिन इलाकों को सरकार ने भी सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना है, वहां पर परिवार का रहना ठीक नहीं है. ये संयुक्त बयान उप प्रचार सचिव रोबेन खुमान और थॉमस नुमाई द्वारा दिया गया है. उनकी तरफ से इस हमले की पूरी जिम्मेदारी ले ली गई है. 


विप्लव के परिवार में शोक

कर्नल विप्लव त्रिपाठी छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के रहनेवाले हैं. जहां उनके निधन के खबर मिलते ही पूरा परिवार शोक में डूब गया। वहीं जानकारी के मुताबिक नक्सली हमले में  शहीद विप्लव ओर उनकी पत्नी, बच्चे का शव कल रविवार शाम तक रायगढ़ पहुंचेगा. शव हवाई मार्ग से रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेगा. जिसके बाद शव रायपुर से सेना के हेलीकॉप्टर से जिन्दल हवाई पट्टी पर उतरेगा. जहां शव को रामलीला मैदान में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. उसके बाद अंतिम संस्कार क्रिया को पूर्ण किया जाएगा. शहर के लोगों ने विप्लव के निधन पर एक दिन के बंद की घोषणा की है।

कल हुआ था हमला

सुबह करीब दस बजे मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के सिंघाट में आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया. उनकी तरफ से  46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाया गया और उनके काफिले पर ये जानलेवा हमला हुआ. ये हमला भी तब हुआ जब  6 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी फॉरवर्ड कैंप से वापस लौट रहे थे. उस समय उनके काफिले में उनका परिवार भी मौजूद था. लेकिन क्योंकि आतंकियों को उनकी मूवमेंट की पूरी जानकारी थी, ऐसे में एक तय रणनीति के तहत सिंघाट में उनके काफिले को निशाना बनाया गया और ये बड़ा हमला हो गया


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