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मोदी ने विरोधियों को सुनाए कबीरदास के दोहे, बोले-जात-पात के नाम पर समाज तोड़ रहे हैं कुछ दल

मोदी ने विरोधियों को सुनाए कबीरदास के दोहे, बोले-जात-पात के नाम पर समाज तोड़ रहे हैं कुछ दल

LUCKNOW : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार  को उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में स्थित सूफी संत कबीर दास के 620वें प्राकट्य उत्सव के मौके पर मगहर पहुंचे। वह यहां सबसे पहले संत कबीर दास की समाधि पर पहुंचे और फूल चढ़ाए। उन्होंने संत कबीर की मजार पर चादर भी चढ़ाई। उनके साथ इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। पीएम मोदी ने मगहर में 24 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली संत कबीर अकादमी का भी शिलान्यास किया। 

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विरोधियों को सुनाए कबीर के दोहे
पीएम मोदी ने संत के दोहों को याद करते हुए कहा, कबीर को समझने के लिए किसी शब्दकोष की जरूरत नहीं है। उनकी भाषा आपकी और हमारी सीधी साधी भाषा थी। कबीर सत्य थे, इसलिए सबके हो गए। पीएम मोदी ने कहा, वह विचार बन कर आए और अपने व्यवहार से अमर हो गए।  पीएम मोदी ने संत कबीर की सीख के सहारे, विपक्षी दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, कुछ लोग समाज में शांति नहीं कलह चाहते हैं. ऐसे लोग जमीन से कटे हुए हैं. उन्हें हकीकत का पता ही नहीं है. उन्होंने संत कबीर को पढ़ा ही नहीं.पीएम मोदी ने कहा, आज भी हम समाजवाद और बहुजनवाद की बात करने वालों को सत्ता के लिए उलझते देखते हैं. जब हम लोगों की घर की बात कर रहे थे, उस समय उनका ध्यान अपने बंगले पर लगा था।


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कबीर धूल से उठे और माथे का चंदन बन गए
 मोदी ने कहा कि 14-15 वर्ष पहले जब पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी यहां आए थे, तब उन्होंने इस जगह के लिए एक सपना देखा था। उनके सपने को साकार करने के लिए मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सद्भाव-समरसता के मुख्य केंद्र के तौर पर विकसित करने का काम अब किया जा रहा है। हमारी सरकार गरीब, दलित, पीड़ित, शोषित-वंचित और महिलाओं को सशक्त करने के लिए काम कर रही है। मोदी ने कहा कि कबीर खुद श्रमजीवी थे, वह श्रम का महत्व समझते थे। कबीर जी ने बिना किसी लाज-लिहाज के रूढ़ियों पर प्रहार किया था। 2 दिन पहले देश में आपातकाल को 43 साल हुए हैं। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय आपातकाल का विरोध करने वाले एक साथ आ गए हैं। सैकड़ों वर्षों की गुलामी के कालखंड में अगर देश की आत्मा बची रही, तो वो संतों की वजह से ही हुआ। मगहर में पीएम नरेंद्र मोदी, ये हमारे देश की महान धरती का तप है, उसकी पुण्यता है कि समय के साथ, समाज में आने वाली आंतरिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए समय समय पर ऋषियों, मुनियों और संतों का मार्गदर्शन मिला, संत कबीर धूल से उठे थे लेकिन माथे का चंदन बन गए।

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