NEW DELHI/PATNA : पिछले एक माह से चल रहा इंतजार आखिरकार आज खत्म हो सकता है। केद्र की मोदी सरकार आज अपना कैबिनेट विस्तार कर सकती है। इस बार मोदी कैबिनेट में कई नई चेहरे देखने को मिल सकते हैं, जो पहली बार केंद्रीय मंत्रीमंडल का हिस्सा बनेंगे। वहीं बात अगर बिहार कोटे की करें तो यहां एनडीए से तीन लोगों को मौका मिल सकता है। जिनमें जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है।
हालांकि भाजपा से पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ.संजय जायसवाल का नाम रेस में है। इनमें कोई एक मंत्री बनेंगे। सबसे ज्यादा नामों की चर्चा जदयू में है। इसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह के अलावा ललन सिंह, रामनाथ ठाकुर, संतोष कुशवाहा, दुलाल चंद्र गोस्वामी व चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी के नामों की चर्चा है।
पारस को भी मिल सकता है मौका
इन तीन नेताओं के अलावा मोदी कैबिनेट में जो एक और चेहरा बिहार कोटे से शामिल हो सकता है, वह हैं पशुपति कुमार पारस का. उनका मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है, हालांकि चिराग पासवान ने इसका विरोध किया है और साफ कह दिया है कि पारस को मंत्री बनाया जाता है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
सिंधिया, फड़वनीस, वरुण और सोर्नोवाल का नाम
मोदी कैबिनेट के विस्तार में इस बार ज्यादातर युवा चेहरों को मौका मिलने की बात कही जा रही है। इसके अलावा कई ऐसे नाम भी हैं, जिन्हें पहली बार केंद्रीय राजनीति में जाने का मौका मिल सकता है। जिन नामों की अब तक संभावना बनी है, उनमें महाराष्ट्र के पूर्व सीएम फडणवीस और उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह या तीरथ रावत मंत्री बन सकते हैं। भूपेंद्र यादव सदन के नेता और कैबिनेट मंत्री बन सकते हैं। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी केंद्रीय मंत्री बनाया जा सकता है। उन्हें रेल मंत्रालय मिलने की संभावना है। साथ ही असम के पूर्व सीएम सर्वानंद सोर्नोवाल को भी अहम पद की जिम्मेदारी मिल सकती है। इसके अलावा युवा चेहरों में वरुण गांधी, जमयांग सेरिंग नामग्याल, राहुल कस्वां, राजीव चंद्रशेखर, मीनाक्षी लेखी, पुरंदेश्वरी देवी और अश्विनी वैष्णव जैसे युवा चेहरे दावेदार हैं। वहीं, बीजू जनता दल से बीजे पांडा, बंगाल से दिनेश त्रिवेदी के नाम भी चर्चा में हैं।
नौकरशाह के नाम भी सूची में शामिल
भाजपा और संघ का पूरा जोर उन सात राज्यों पर है, जहां एक साल के भीतर चुनाव होने हैं। चर्चा है कि पंजाब के किसी बड़े नेता को भाजपा में शामिल कर मंत्री बनाया जा सकता है। विदेशमंत्री एस जयशंकर की तरह कुछ पूर्व नौकरशाह, प्रोफेशनल्स और टेक्नोक्रेट को सरकार में सरप्राइज एंट्री मिल सकती है। हेल्थ सेक्टर के दो बड़े विशेषज्ञ भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं।