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मोदी सरकार ने खेलों में भारत का परचम बुलंद करने की बनाई रणनीति, ‘एक राज्य, एक खेल' लाएगा बड़ा बदलाव

मोदी सरकार ने खेलों में भारत का परचम बुलंद करने की बनाई रणनीति, ‘एक राज्य, एक खेल' लाएगा बड़ा बदलाव

DESK. देश में खेलों को विकसित करने और हर राज्य में एक विशिष्ठ खेल को उसकी पहचान के तहत जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ी योजना बनाई है. युवा और खेल मामलों के राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि सरकार ‘एक राज्य, एक खेल' योजना पर विचार कर रही है और उचित समय पर इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। 

उन्होंने सदन को यह सूचना भी दी कि ‘शतरंज ओलंपियाड 2022' का आयोजन भारत में किया जा रहा है। प्रमाणिक ने प्रश्नकाल में भाजपा सांसद हेमा मालिनी के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि खेल और युवा मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘वन स्टेट, वन स्पोर्ट' (एक राज्य, एक खेल) के विषय पर प्रत्येक राज्य के खेल मंत्री और उनके अधिकारियों के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक की हैं। खेल राज्य मंत्री ने कहा कि इन बैठकों में राज्यों से प्रस्ताव भी मांगे गये हैं और ‘एक राज्य, एक खेल' पर उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा।


मथुरा से सांसद हेमा मालिनी ने पूछा था कि क्या प्रत्येक राज्य में उसके एक प्रमुख खेल को ध्यान में रखते हुए ‘एक राज्य, एक खेल' की नीति पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हरियाणा में कुश्ती, महाराष्ट्र में कबड्डी और पश्चिम बंगाल में फुटबॉल जैसे एक प्रमुख खेल पर विशेष ध्यान देते हुए अन्य खेलों पर भी ध्यान दिया जा सकता है। वहीं, खेल राज्य मंत्री प्रमाणिक ने कहा कि ‘शतरंज ओलंपियाड 2022' का आयोजन पहले रूस में होने वाला था, लेकिन यूक्रेन पर हमले के कारण रूस से इसकी मेजबानी छिनने के बाद यह अवसर भारत को मिला है। 

प्रमाणिक ने कहा कि इसके आयोजन के लिए चीन समेत अनेक बड़े देश कतार में लगे थे लेकिन ओलंपियाड की समिति ने भारत को इस योग्य समझा और हमारे देश में आयोजन का निर्णय लिया। 2013 में विश्व चैंपियनशिप के आयोजन के बाद यह दूसरा बड़ा वैश्विक शतरंज टूर्नामेंट है जो भारत में आयोजित होगा। ग्रामीण क्षेत्र की खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने के एक प्रश्न के उत्तर में प्रमाणिक ने कहा कि 2020 के तोक्यो ओलंपिक में भारत को अब तक की सबसे अधिक सफलता मिली और सबसे ज्यादा पदक मिले। जहां ज्यातातर पदक विजेता खिलाड़ी ग्रामीण पृष्ठभूमि वाले थे जिनमें नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू और लवलीना बोरगोहेन जैसे नाम हैं। 

उन्होंने कहा कि ‘खेलो इंडिया केंद्र' छोटे शहरों में और जिला स्तर पर खोले जा रहे हैं जहां ग्रामीण क्षेत्रों से खिलाड़ी आते हैं। इनके अलावा ‘खेलो इंडिया' के तहत संचालित 47 खेल अकादमियों में भी प्रशिक्षण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों से खिलाड़ी आए हैं।


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