NEWS4NATION DESK : मोदी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव करते हुए हिंदी भाषा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हिंदी की अनिवार्यता को लेकर गैर हिंदी राज्यों और दक्षिण के राज्यो में उठ रहे विरोध के स्वर को देखते हुए लिया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संसोधित मसौदे के अनुसार अब कोई भी तीन भाषा पढ़ने के लिये छात्र स्वतंत्र होंगे। परन्तु एक भाषा साहित्य से सम्बंधित पढ़ना होगा।
गौरतलब है कि हिंदी की अनिवार्यता को लेकर सबसे पहले दक्षिण के राज्यो में विरोध शुरू हुआ। राजनीतिक दल इसे मुद्दा बनाने में जुट गए थे।
इससे पहले ही केंद्र की मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने त्रिभाषा फॉर्मूला में संशोधन करते हुए हिंदी की अनिवार्यता समाप्त कर दी है।