NEWS4NATION DESK : केंद्र सरकार सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है। विधेयक में पड़ोसी देशों से आने वाले गैर मुस्लिम प्रवासियों को राष्ट्रीयता प्रदान करने का प्रावधान है।
इस विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के चलते भागकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए हिंदू, जैन, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है। पिछली सरकार ने जब यह बिल पेश किया था, तब असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी विरोध हुआ था।
इसके अलावा दिल्ली में 1,728 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने संबंधी विधेयक, ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों पर हमला करने वालों पर जुर्माना लगाने, कॉर्पोरेट टैक्स रेट में कटौती और ई-सिगरेट पर पाबंदी संबंधी दो अधिसूचनाओं को कानून में बदलने संबंधी बिल भी सदन में पेश किया जा सकता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार ने इस सत्र के कामकाज में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है। एनडीए सरकार ने पिछली दफा भी विधेयक पेश किया था, लेकिन विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण पारित नहीं करा सके। विपक्षी दलों ने विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभाव पूर्ण बताया था।
पिछले लोकसभा भंग होने के बाद विधायक निष्प्रभावी हो गया था विधायक में धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं ईसाइयों सिखों बौद्धों और पारसियों को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान है।
विवेकानंद की रिपोर्ट