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सत्ता के अहंकार में मोदी के मंत्री ने कहा- मीडिया में चर्चा के लिए कुछ लोग करते हैं किसान आंदोलन

सत्ता के अहंकार में मोदी के मंत्री ने कहा- मीडिया में चर्चा के लिए कुछ लोग करते हैं किसान आंदोलन

PATNA : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्री सत्ता के अहंकार में चूर हो गये हैं। उन्हें लोगों के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं। लोगों की समस्या सुनना उन्हें बिल्कुल गवारा नहीं। जिस जनता ने उन्हें वोट देकर कुर्सी तक पहुंचाया अब उसकी खिल्ली उड़ा रहे हैं। शनिवार को पटना में मोदी के एक अहंकारी मंत्री ने किसानों की शान में बड़ी गुस्ताखी की।

केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह के बड़बोलेपन ने शनिवार को मोदी सरकार की किरकिरी करा दी। पटना में जब उनसे 10 राज्यों में चल रहे किसान आंदोलन पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा मीडिया में चर्चा के लिए कुछ लोग ऐसा करते हैं। देश में करोड़ों किसान है। अगर हजार- दो हजार लोग आंदोलन करते हैं तो उससे क्या फर्क पड़ता है।

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देश के 10 राज्यों के किसान 1 जून से 10 जून तक हड़ताल पर हैं। वे स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें अपने उत्पादन का उचित मूल्य मिल सके। किसानों ने दूघ, फल, सब्जी की आपूर्ति ठप कर दी है। कई किसान सड़कों पर दूध बहा कर अपना विरोध जता रहे हैं।

किसान इस देश के अन्नदाता हैं। लेकिन उनको अपने उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिलता। जब वे अपनी मांगों की पूर्ति के लिए सड़क पर उतरते हैं तो अहंकारी मंत्री उनका अपमान करते हैं। इसके पहले भी मध्यप्रदेश में जब किसानों ने सड़कों पर दूध बहाया था तब वहां की सरकार ने गोली चलवा दी थी।

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भारत एक कृषिप्रधान देश हैं। यहां 70 फीसदी से अधिक लोग खेती पर निर्भर हैं। किसानों की इतनी बड़ी संख्या होने के बाद भी राजनीतिक दल उनकी परवाह नहीं करते। परवाह इस लिए नहीं करते क्यों कि वे वोट बैंक नहीं हैं। देश के किसान जातियों, धर्म और क्षेत्र में बंटे हुए हैं। किसान बिखरे हुए हैं इस लिए राधामोहन सिंह जैसे नेता उनकी हंसी उड़ाते हैं। ऐसे नेताओं को जब जवाब देने का वक्त आता है तो वे संकीर्ण स्वार्थ में फंस जाते हैं। जब छोटे-छोटे सामाजिक समूहों के वोट के लिए नेता दिन रात खुशामद करते हैं तो किसान क्यों उपेक्षित हैं
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