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मोहनियां- रामगढ़ पथ से भरखर सहित कई गांवों को जोड़नेवाली सड़क बदहाल, दुर्घटना की आशंका

मोहनियां- रामगढ़ पथ से भरखर सहित कई गांवों को जोड़नेवाली सड़क बदहाल, दुर्घटना की आशंका

KAIMUR : बिहार सरकार की ओर से राज्य के ढाई सौ की आबादी वाले गांवों को सड़क से जोड़ने का दावा किया जा रहा है. लेकिन धरातल का सच कुछ और ही है. ढाई सौ के आबादी की कौन कहे. जिस गाँव की आबादी हजारों है. वहाँ की सडकों का भी बुरा हाल है. मोहनियां  प्रखंड में चार हजार की आबादी वाले भरखर गांव की बदहाल सड़क इसकी गवाही दे रही है. ग्रामीणों को आने-जाने के लिए अच्छी सड़क नसीब नहीं है. गांव से प्रखंड मुख्यालय आने के लिए ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है. 

मोहनियां रामगढ़ पथ से भरखर सहित एक दर्जन गांवों को जोड़ने वाला यह पथ काफी दिनों से बदहाल है. रामगढ़ पथ से जैसे ही इस सड़क का सफर शुरू होता है वहीं से इसकी बदहाली झलकने लगती है. भरखर गांव तक करीब डेढ़ किलो मीटर सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं. कहीं कहीं गड्ढों की गहराई दो से तीन फीट है. सड़क पर कहीं घुटने भर पानी जमा है. पानी में डूब जाने से कहीं-कहीं सड़क का पता ही नहीं चलता. इससे दुर्घटना की आशंका बनी  रहती है. जरा सी असावधानी हुई तो वाहन पलट सकते हैं. 

ऐसे में जानमाल के नुकसान से इनकार नहीं किया जा सकता. बताते चले की  जीटी रोड से जिगिना जाने वाले पथ के पानी में डूब जाने से एक दर्जन से अधिक गांवों का मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है. ऐसी स्थिति में इन गांवों के लोग भरखर पथ से ही मोहनियां पहुंचते हैं. मोहनियां रामगढ़ पथ से भरखर होते हुए यह सड़क सावठ माइनर तक जाती है. भनखनपुर गांव से जिगिना गांव तक सावठ माइनर के दक्षिणी तट पर चार वर्ष पूर्व सड़क बनी थी. यह सड़क अब धीरे-धीरे बदहाल होने लगी है. भरखर गांव से पश्चिम इस सड़क में होम पाइप की एक पुलिया बनी है, जो अब क्षतिग्रस्त हो गई है. 

वहीं पट्टी गांव के समीप ट्रैक्टरों के उतरने से सावठ माइनर का दक्षिणी बैंक का तीन हिस्सा कट चुका है. इस स्थान पर कभी भी वाहन पलट सकते हैं. ज्ञात हो अधिक पानी में डूबने से जीटी रोड-जिगिना पथ बंद हो जाता है तो यह पथ आवागमन में सहारा बनता है. तब जिगिना गांव से इसी पथ से एक बस, टाटा मैजिक और  टेंपो का प्रतिदिन मोहनियां तक परिचालन होता है. जिससे जिगिना के अलावा इदिलपुर, लुरपुरवां, दुघरा, पट्टी, रजियाबांध, बेर्रा, सियापोखर, हसनपुरा, तुलसीपुर इत्यादि गांवों के लोग सफर करते हैं. 

इसके अलावा इस पथ से आधा दर्जन स्कूली वाहनों का आवागमन होता है. जिगिना और अगल बगल के गांवों के काफी संख्या में बच्चे मोहनियां में संचालित विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करते हैं. बच्चे जब तक सुरक्षित घर नहीं पहुँच जाते तबतक उनके अभिभावक बेचैन रहते हैं. इस पथ का सफर खतरे से खाली नहीं है. मजबूरी में लोग जान जोखिम में डालकर इस सड़क से सफर करते हैं. भरखर गांव के लोगों को इस बदहाल सड़क से सफर करना बड़ी चुनौती है. इस सड़क से पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का भी आना जाना होता है. लेकिन सड़क की दुर्दशा के तरफ किसी का ध्यान  नहीं है.

कैमूर से देवव्रत की रिपोर्ट 

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