पटना. बाहुबली विधायक अनंत सिंह जेल में बंद हैं लेकिन जेल के बाहर उनका लाडला चारों खाने चित हो गया है. इतना ही नहीं अनंत सिंह के एक और पारिवारिक सदस्य विवेका पहलवान का पिस्टल भी साधु के आगे नहीं चल पाया है. लाडला, पिस्टल और साधु की यह कहानी है घोड़ों की रेस से जुड़ी हुई जहां आम तौर पर अनंत और विवेका का घोड़ा बिहार के किसी भी रेस में परचम लहराता रहा है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.
बक्सर जिले के ब्रह्मपुर में आयोजित फाल्गुनी पशु मेला में घोड़ों की दौड़ हुई. इस दौड़ में अनंत सिंह का खास घोड़ा लाडला भी शामिल हुआ जबकि विवेका पहलवान का घोड़ा पिस्टल भी रेस के फाइनल राउंड तक पहुंचा. कई राउंड की दौड़ के बाद फाइनल में 8 घोड़ों ने जगह बनाई. इसमें सबको उम्मीद थी कि लाडला और पिस्टल बड़ा कमाल करेंगे. दोनों घोड़ों ने उम्मीद के अनुसार ही दौड़ भी लगाई. लेकिन, जब फिनिशिंग लाइन पार करने की बारी आई तो दोनों को साधु नाम के एक घोड़े ने मात दे दी.
दौड़ में चौसा के मधु यादव के घोड़े साधु को पहला स्थान मिला. वहीं लाडला कुछ सेकेंड से फिनिशिंग लाइन को पार करने में दूर रह गया और दूसरे स्थान पर रहा जबकि विवेका का पिस्टल तीसरे नम्बर पर आया. इस दौरान पहले और दूसरे नम्बर को लेकर आयोजकों पर प्रतिभागियों के बीच कुछ समय कहा-सुनी भी हुई. लेकिन विजेता साधु को घोषित किया गया.
छोटे सरकार के नाम से प्रसिद्ध बाहुबली अनंत सिंह का पशुप्रेम काफी प्रचलित है. वे घोड़ा, हाथी सहित कई नस्लों की गाय और भैंस पालने के लिए जाने जाते हैं. बिहार के पशु मेलों में अनंत सिंह के यहां से आए मवेशियों को देखने की भारी भीड़ उमड़ती है. अनंत सिंह वर्ष 2005 से पटना जिले के मोकामा से विधायक हैं.