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मिथिला, अंग और मगध की संगम स्थली सिमरिया धाम में आस्था और साहित्य का अनोखा संगम

मिथिला, अंग और मगध की संगम स्थली सिमरिया धाम में आस्था और साहित्य का अनोखा संगम

PATNA : बिहार के बेगूसराय जिले में गंगा किनारे अवस्थित रामधारी सिंह दिनकर की नगरी सिमरिया धाम का धार्मिक और पौराणिक महत्व है। बताया जाता है सिमरिया में भगवान श्री राम ने माता सीता के साथ एक रात गुजारी थी। धार्मिक ग्रंथो में इसी स्थल पर समुद्र मंथन का भी वर्णन है। अब  सिमरिया धाम में आस्था और साहित्य  का अनोखा संगम होने जा रहा है। 1 से 9 दिसंबर तक सिमरिया धाम में मोरारी बापू राम कथा और दिनकर साहित्य महाकुंभ का विराट आयोजन होने जा रहा है। 

आदि कुंभ स्थली है सिमरिया 

धार्मिक गंथों के अनुसार सिमरिया धाम में ही समुद्र मंथन किया गया था। रामायण के बालकाण्ड के अनुसार, जनकपुर जाने के दौरान भगवान राम को गुरू विश्वामित्र ने कहा कि यहीं वह देश है जहां पूर्वकाल में समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मंथन में सहायक सामग्रियों मन्दराचल पर्वत, वासुकीनाग, विषपाई, भगवान शिव, कच्छप चक्रावति, क्षीरोदधि सिन्धु, सगरमाथा एवं ऋृग्वेद मंडल 10, सूक्त 136 मंत्र 5 में वर्णित तथ्यों में ज्ञात होता है कि आदिकुंभ स्थली मिथिला की सीमातट पर अवस्थिति सिमरिया धाम ही है। इसलिये यहां महाकुंभ का आयोजन किया गया था।

सिमरिया में भगवान श्री राम ने गुजारी थी रात

सिमरिया धाम में आदिकाल से ही कल्पवास मेले का आयोजन होते आया है जहां पूरे कार्तिक मास में बिहार व देश-विदेश के श्रद्वालु आते हैं और एक महा तक पर्ण कुटिर बना कर यहां गंगा सेवन करते हैं।

यहां होने वाले कल्पवास के बारे में कहा जाता है कि सीता माता को जब भगवान राम मिथिला से विदा कर ले जा रहे थे तो मिथिला के सीमा के अंत में गंगा घाट किनारे एक रात पर्ण कुटिर बना कर गुजारे थे। जाते समय भगवान राम से सीता ने आर्शीवाद लिया था कि यहां जो एक माह तक पर्ण कुटिर बना कर गंगा सेवन करेगें उन्हें काफी पुण्य और मोक्ष प्राप्त होगा। यह जगह सिमरिया है जहां आदिकाल से ही कल्पवास होते आ रहा है।

गौरतलब है कि सिमरिया राम कथा सह साहित्य महाकुंभ आयोजन समिति का अध्यक्ष पूर्व केन्द्रीय मंत्री  डॉ.कर्ण सिंह को बनाया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह, बीजेपी सांसद भोला सिंह और जेडीयू के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव केसी त्यागी आयोजन समिति के सदस्य हैं।

1 से 9 दिसंबर तक आयोजन

बता दें कि राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की स्मृति में सिमरिया में रामकथा सह साहित्य महाकुंभ का विराट आयोजन किया जा रहा है। 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक चलने वाले समारोह में पूर्वाह्न में सुप्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू द्वारा रामकथा तथा अपराह्न में साहित्य महाकुम्भ का आयोजन किया जा रहा है। साहित्य महाकुम्भ में साहित्य सत्र एवं सांस्कृतिक ओलम्पिक का आयोजन किया जाएगा। साहित्य महाकुंभ में विश्व के 167 देशों के एनआरआई साहित्यकार, पत्रकार और धर्मावलंबी भाग लेंगे। देश भर के धर्म, साहित्य और सांस्कृति से जुड़े लोग इसमें मौजूद रहेंगे। आयोजन में भारतीय संस्कृति पर विश्व के कई देशों के संस्कृति प्रेमी अपनी कला का प्रदर्शन कर अभिराम छटा बिखेरेंगें।


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