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बिहार के हाथरस कांड में अपराधी महीने भर बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर, खानापूर्ति के लिए घर पर चिपकाया इश्तेहार

बिहार के हाथरस कांड में अपराधी महीने भर बाद भी पुलिस की पकड़ से बाहर, खानापूर्ति के लिए घर पर चिपकाया इश्तेहार

मोतिहारी। पूर्वी चम्पारण में हुए हाथरस कांड में 29 दिन बाद पुलिस ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। आज 12 नामजद अभियुक्तों के घरों पर पुलिस ने इश्तेहार चिपकाया है। इसके पहले पुलिस ने डुग्ग डुग्गी बजाकर अभियुक्तों से आत्मसमर्पण करने को कहा और फिर घरों पर पहूंचकर इश्तेहार को चिपकाया है। इश्तेहार घोड़ासहन के पुलिस इंस्पेक्टर जयप्रकाश सिंह और कुण्डवा चैनपुर के थानाध्यक्ष मिथलेश कुमार के नेतृत्व में कई थानों की पुलिस गांव में पहुंचकर इश्तेहार चिपकाया है। 

इस बीच पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन अब भी दुष्कर्म करने फिर शव को जलाने में शामिल 12 अपराधी अभी भी फरार है। मामले की जांच में एसपी ने ने थानाध्यक्ष की भूमिकी को संदेहास्पद और पूर्ण पाया जिसपर तत्कालिक थानाध्यक्ष संजीव रंजन की गिरफ्तारी के आदेश दिये। गिरफ्तारी के लिए एसपी ने पुलिस की टीम भी गठित किया है। लेकिन घटना के उजागर हुए 29 दिन होने के बाद भी तत्कालीक थानाध्यक्ष संजीव रंजन पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वहीं आज पुलिस ने कुण्डवा चैनपुर के अन्य आरोपियों के घरों पर इस्तेहार चिपका कर आत्म समर्पण करने को कहा है।

मालूम हो कि कुण्डवा चैनपुर बाजार में रात्रि प्रहरी का काम करने वाला नेपाली नागरिक खडक बहादूर अपने पूरे परिवार के साथ रहता था। जहां उसके 12 वर्षीय पुत्री के साथ चार मनचलों ने सामुहिक दुष्कर्म किया था। घटना 21 जनवरी के दिन की बतायी जाती है। जिस समय घटना हुई उस समय बच्ची की मां पारिवारिक कार्यवश नेपाल गयी थी। भाई और पिता खडक बहादूर चाय बेचने बाजार में गये थे। दुष्कर्म करने के बाद मनचलों ने बच्ची के गला दबाकर हत्या कर दिया। भाई और पिता को घटना की जानकारी मिलने पर आनन फानन में अस्पताल ले गये जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। 

रात को जला दिया गया था शव

बच्ची की मौत के बाद अभियुक्तों ने कुण्डवा चैनपुर के तत्कालिक थानाध्यक्ष संजीव रंजन से मिलीभगत कर शव को रात्रि में ही जला दिया था। हत्या और फिर शव के जलाने के करीब चार दिनों के बाद थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई। थानाध्यक्ष और आरोपियों के बीच हुए बातचीत के ऑडियों वायरल होने के बाद मामला सामने आया आय आनन फानन में थानाध्यक्ष संजीव रंजन ने प्राथमिकी दर्ज किया था। ऑडियों के वायरल होने पर एसपी नवीन चन्द्र झा ने त्वरित कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को निलम्बित कर दिया। जिसके बाद मामले में शव को जलाने के वीडियों भी वायरल हुए थे। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने जांच के लिए सीआईडी और फॉरेन्सिक टीम को भी भेजा था। 


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