PATNA
: बिहार
में राजनीतिक हलचल के बीच जहानाबाद के सांसद अरुण कुमार ने नीतीश कुमार और जदयू पर
सियासी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि लोसभा चुनाव के पहले जदयू सीट बारगेनिंग के
लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दबाव बना रहा है। जदयू विशेष दर्जा के मुद्दे
पर जो ज्ञान बांट रहा है दरअसर उसके पीछे की वजह कुछ और है। जदयू लोकसभा चुनाव में
अधिक से अधिक सीटों पर दावा के लिए माहौल बना रहा है।
उपेन्द्र कुशवाहा पर भी निशाना
अरुण कुमार जहानाबाद से रालोसपा के टिकट पर सांसद चुने गये
हैं। पार्टी प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा से अनबन के बाद अब रालोसपा में दो गुट बन गये
हैं। अरुण कुमार रालोसपा के विक्षुब्ध गुट के नेता हैं। देखा जाय तो अरुण कुमार का
ये बयान उपेन्द्र कुशवाह पर भी एक वार हैं। सबसे पहले उपेन्द्र कुशवाहा ने ही मांग
की थी कि लोकसभा चुनाव के पहले ही सीट बंटवारा पर फैसला हो जाना चाहिए। उन्होंने
तो यहां तक कह दिया था कि एनडीए में तालमेल की कमी हो गयी है। इसके बाद जदयू के प्रधान
महासचिव केसी त्यागी ने कुशवाहा की इस मांग का समर्थन किया था।
जदयू के लिए सीट शेयरिंग
बड़ा मुद्दा
जदयू के एनडीए में आने के बाद बिहार में सहयोगी दलों में सीट
शेयरिंग का संतुलन बिगड़ गया है। 2014 के लोकसभा चुनाव के समय बिहार में भाजपा,
लोजपा और रालोसपा एनडीए का हिस्सा थे। 2014 में भाजपा ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा
था जिसमें 22 पर 6 पर जीत मिली थी। जब कि रालोसपा को चार सीटों में से तीन पर विजय
मिली थी।
जदयू उस समय एनडीए के विरोध में था। जदयू के केवल 2 सांसद
जीते थे। इस लिहाज से अब जदयू के लिए पहले जैसे हालात नहीं हैं। जदयू अगर 2019 के
लिए सीटों की मांग करेगा तो उसे किसके हिस्से की सीट काट कर दी जाएगी, यह एक बड़ा
सवाल है। लोजपा और रालोसपा किसी कीमत पर अपना दावा कम करनेवाली नहीं हैं। ऐसे में
जदयू ने भाजपा पर दबाव की राजनीति शुरू कर दी है। 2019 के लोससभा चुनाव के दौरान
बिहार में एनडीए की सीट शेयरिंग का स्वरूप क्या होगा, यह एक जटिल सवाल है। सांसद
अरुण कुमार ने जदयू की इसी कमजोर नस को दबाया है।