डेस्क... मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बड़ा बयान देते हुए सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दिया है। पूर्व सीएम ने कहा कि मैं अब आराम करना चाहता हूं। मुझे राजनीति में जो भी हासिल करना था मुझे सब मिल गया है। यह बात पूर्व सीएम कमलनाथ ने चौराई पहुंचकर पार्टी पदाधिकारियों के साथ संगठन की बैठक के दौरान कही। पूर्व सीएम के बयान के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस समेत अन्य सियासी नेताओं में चर्चा का विषय बन गया है।
बता दें कि पूर्व सीएम कमलनाथ लंबे समय तक छिंदवाड़ा के सांसद रहे हैं और 2018 के विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद कांग्रेस को वापस सत्ता में लेकर आए थे। इसके बाद उन्हें कांग्रेस के आला कमान ने तोहफे के रूप में मुख्यमंत्री पद की कुर्सी तक सौंप दिया था। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तब केंद्रीय मंत्री के पद पर भी रहे हैं। राजीव गांधी से लेकर मनमाेहन सिंह के प्रधानमंत्री बने रहने के समय में वो केंद्र में मंत्री रहे।
अब उन्होंने यह बयान देकर कांग्रेस की आगे आने वाली पीढ़ी को संकेत भी दे दिया है कि वो रास्ता खाली कर रहे हैं और आने वाले दिनों में अब कांग्रेस की बागडोर युवा हाथों में सौंप दी जाए। हालाकि 2018 में कांग्रेस की सरकार आने के बाद कमलनाथ महज 18 महीने ही मुख्यमंत्री रह पाए थे। ज्यातिरादित्य सिंधिया के कड़े तेवर के चलते कांग्रेस में टूट आ गई और सरकार गिर गई।
कांग्रेस में लगातार कमलनाथ के खिलाफ उठ रही आवाजों के बीच उनके इस बयान के कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। कमलनाथ सिर्फ कोई पद छोड़ने की बात कर रहे हैं या फिर राजनीति से विदाई लेने की बात कर रहे हैं, इसपर कयास लग रहे हैं। कमलनाथ इन दिनों अपने बेटे के साथ छिंदवाड़ा के दौरे पर हैं, जो उनका गढ़ माना जाता है।
आपको बता दें कि अभी कमलनाथ मध्य प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता होने के साथ-साथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में हाल ही में जब उपचुनावों में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी तो लगातार कई नेताओं, विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया।
राज्य में नेता लगातार कह रहे हैं कि अब किसी युवा नेतृत्व की जरूरत है और हार का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ रहे हैं। राज्य में कमलनाथ पर गलत टिकट बंटवारे, कमजोर उम्मीदवारों और गलत रणनीति का आरोप लगा।